Page 32 - CTB Hi resolution visioneries of bihar pdf
P. 32

जानकार बताते हैं, डॉ. नारायण चबहार के पहले और अकेले ऐ्े                       करीब 20 कॉनफ्रें् में शाचमल हुए हैं चजनमें, 17 पेपर इनके द्ारा
                   ्ज्जन हैं चजनहहे एफआर्ीए् और एमआर्ीए् एगजाचमनर के                             प्रसतत भी चकए जा िुके हैं।
                                                                                                    ु
                   तौर पर रॉयल कॉलेज ऑफ ्ज्जन् ऑफ इंगलैंड और गला्गो में
                   आमंचरित चकया। चपछले 4 दशक के दौरान अपनी शानदार ्ज्जरी                           ्ाल 2009 में चदल्ी के ्फदरजंग हॉससपटल ्े प्रचशक्षण
                   के बूते अलग पहिान बनाने र्ाले डॉ. एन.पी. नारायण के पुरि                       हाच्ल करने के बाद 2012 में चदल्ी के र््ंतकुंज ससर्त
                                                                                                                                         े
                                                                                                                 ै
                                                                                                                     हे
                   और देश की राजधानी चदल्ी में चमचनमल एक्े् ्ज्जरी के चलए                        फोचट्ड् हॉससपटल के गसटोइंटसटाइनल ऐंड चमचनमली इनर्च्र्
                   चर्खयात डॉ. चनचखल नारायण की पहिान देश के उन चगने-िुने                         ्ज्जरी चर्भाग में ्ीचनयर रहेचजडेंट के तौर पर अपने कररअर
                   काचबल ्ज्जनों में होती है, चजनहोंने अपनी ्ज्जरी की बदौलत                      की शुरुआत करने र्ाले डॉ. चनचखल नारायण ने अगसत 2012
                   मरीजों के चदलों में खा् जगह बनाई है।                                          में चदल्ी के ्फदरजंग असपताल के जनरल ्ज्जरी चर्भाग में
                                                                                                 अपना योगदान चदया और करीब 3 र्र्षों तक यहां काम करने के
                      चबहार ्रकार के सर्ास्थय चर्भाग में करीब 6 ्ाल मचडकल                        बाद डॉ. चनचखल ने गुडगार् ससर्त यचनर्च्टी ऑफ मचडकल
                                                          े
                                                                                                                              ्ज
                                                                                                                          ू
                                                                                                                                     े
                                                                                                                   ं
                                      े
                   अफ्र के रूप में अपनी ्र्ाएं दे िुके डॉ. (प्रो) एन.पी.नारायण 80                ्ाइं्ेज में बतौर अच्सटेंट प्रोफे्र काम शुरू चकया और
                                 े
                                                                                                                       े
                   के दशक में पटना मचडकल कॉलेज में रहेचजडेंट ्चज्जकल अफ्र                        2016 में चनचखल ने एनडीएम्ी मचडकल कॉलेज ऐंड चहंदू रार्
                   के रूप में काय्जरत रह और च्तंबर 1990 में उनका टां्फर नालंदा                   हॉससपटल में जॉइन चकया और इ्ी ्ाल डॉ. चनचखल ने मई माह
                                  हे
                     े
                   मचडकल कॉलेज में ्ज्जरी रचजसटार के रूप में कर चदया गया।                            में बानेरघाटा ससर्त फोचट्ड् हॉससपटल के चमचनमल एक्े्
                   इ्ी कॉलेज में अच्सटेंट प्रोफे्र के रूप में काम कर                                 जीआई ऐंड मेटाबॉचलक ्ज्जरी चर्भाग में बतौर ्ीचनयर
                   रह डॉ. नारायण का तबादला एक बार चफर दरभंगा                                         फेलो योगदान चदया और बदलते र्क्त के ्ार् डॉ. चनचखल
                     हे
                     े
                                       े
                   मचडकल कॉलेज एर्ं पटना मचडकल कॉलेज में कर                                          की शोहरत तेजी ्े बढ़ने लगी। ्ाल 2018 में डॉ. चनचखल
                   चदया गया जहां 2003 ्े 2016 तक डॉ. नारायण पहल  े                                   पीजीआईएमईआर ऐंड राम मनोहर लोचहया हॉससपटल पहुंि  े
                   ए्ोच्एट प्रोफे्र और बाद में प्रोफे्र के रूप में                                    और इ् असपताल के ्ज्जरी चर्भाग में अच्सटेंट प्रोफे्र के
                           हे
                   काय्जरत रह | चद्ंबर 2019 में चर्भागाधयक्ष के पद ्  े                               रूप में ्ाल 2019 तक काम चकया।
                       ृ
                   ्ेर्ानचर्त्त होने के बाद डॉ. नारायण ने जनर्री 2020 में
                   प्रोफे्र ऑफ ्ज्जरी के रूप में नालंदा मचडकल कॉलेज                                      चिचकत्ा जगत के जानकार बताते हैं चक डॉ. चनचखल
                                               े
                   में अपना योगदान चदया और र्त्जमान में इ्ी कॉलेज में                                 नारायण ने अलप अर्चध में अपनी बेहतर ्ज्जरी के जररए
                   अपनी ्ेर्ाएं दे रह हैं।                                                             अपनी जो अलग पहिान बनाई है उ्े देखते हुए फरर्री
                                हे
                                                                                                                              े
                                                                                                       2019 में द्ारका ्ेकटर 19 ससर्त प्रसटीन केयर ्े उनह  ें
                      डॉ. एन.पी. नारायण की पतनी और नालंदा मचडकल                                        ऑफर चमला और डॉ. चनचखल इ् ्ंसर्ान में मई 2021
                                                    े
                                                                                                            हे
                   कॉलेज में चफचजयोलॉजी चर्भाग में प्राधयापक ्ह                                        तक रह और चफलहाल चदल्ी के ग्ेटर कैलाश ससर्त
                   चर्भागाधयक्ष डॉ. चकरण नारायण कहती हैं, चक डॉ. एन.पी.                                ए््ीआई इंटरनेशनल हॉससपटल के जनरल, लेजर ऐंड
                                                                                                         े
                                                                                                                                         हे
                   नारायण का नाम अपने र्क्त के िचि्जत चशक्षकों में शुमार                               लप्रोसकोचपक ्ज्जरी चर्भाग में अपनी ्ेर्ाएं दे रह हैं।
                                                      े
                   है चजनहोंने अपने कररअर के करीब 27 ्ाल अंडरग्जुएट                                     ए्ोच्एशन ऑफ ्ज्जन् ऑफ इंचडया, ्ो्ाइटी ऑफ
                                                                                                                     े
                   और पोसट ग्ेजुएट सटटूडेंट् को पढ़ाने में लगा चदए इ्के                                  एंडोसकोचपक ऐंड लप्रोसकोचपक ्ज्जन् ऑफ इंचडया के
                   अलार्ा चर्गत 20 र्र्षों ्े भारत के चर्चभन्न चर्श्वचर्द्ालयों                         ्दसय और ए्ोच्एशन ऑफ चमचनमल एक्े् ऑफ
                                   े
                                                                                                                                        हे
                   में डॉ. नारायण अंडरग्जुएट एर्ं पोसट ग्ेजुएट छारिों के बीि                            इंचडया और इंचडयन ए्ोच्एशन ऑन गसटोइंटसटाइनल
                                                                                                                                    ै
                                       हे
                   एक्ाचमनर के रूप में भी रह हैं।                                                       ऐंड इंडोसकोचपक ्ज्जन् ऑफ इंचडया के फेलो डॉ.
                                                                                                         चनचखल नारायण लंबे र्क्त ्े इन ्ंसर्ाओं के ्ार्
                                                                                                           हे
                      ए्ोच्एशन् ऑफ ्ज्जन् ऑफ इंचडया, चमचनमल                                              जुड़ हैं और इन ्ंसर्ाओं को इनके तज़ुबबे का लाभ लंब  े
                   एक्े् ्ज्जन् ऑफ इंचडया, इंचडयन मचडकल ए्ोच्एशन                                         अर्े ्े चमल रहा है।
                                              े
                   के आजीर्न ्दसय के रूप में अपनी ्र्ाएं दे रह डॉ. एन.पी.
                                                     हे
                                              े
                   नारायण इंगलैंड के जनरल मचडकल कॉउंच्ल के ्दसय हैं ्ार् ही इंटरनेशनल   डॉ. एन.पी. नारायण ने अपने कचिन पररश्रम और बेहतर चिचकत्ा के दम पर, जो
                                       े
                   कॉलेज ऑफ ्ज्जन्, रॉयल कॉलेज ऑफ ्ज्जन् ऑफ इंगलैंड, रॉयल कॉलेज ऑफ   शोहरत हाच्ल की र्ो बचम्ाल है, तो र्ही द्री तरफ डॉ. चनचखल नारायण की
                                                                                                    े
                                                                                                                  ू
                   ्ज्जन् ऑफ एचडनबग्ज, रॉयल कॉलेज ऑफ ्ज्जन् ऑफ गलासगो के फेलो भी हैं।   खयाचत भी अब तेजी ्े बढ़ रही है। आउटलुक ग्ुप के कं्सलटग ए्ोच्एट एचडटर
                                                                                                                              ं
                   ए्ोच्एशन् ऑफ ्ज्जन् ऑफ इंचडया के चबहार िैपटर की ्ाईंचटचफक कमेटी के   चदनेश आनंद ्े बातिीत में डॉ. चनचखल नारायण कहते हैं, “्फलता का कोई शॉट्डकट
                                                                          हे
                   िेयरमैन और ए्ोच्एशन ऑफ ्ज्जन् ऑफ इंचडया की टीचिंग फैकलटी ्े जुड़ डॉ.   नहीं होता और कामयाब होने के चलए कड़ी मेहनत के ्ार् अपने मरीजों के भरो्े पर
                                                                      हे
                   नारायण ने ए्ोच्एशन ऑफ ्ज्जन् ऑफ इंचडया के चबहार िैपटर ्े जुड़ अब तक   खरा उतरना भी जरुरी है।” O
 30  डॉ. एन.पी. नारायण                                                                                                       डॉ. एन.पी. नारायण  31
   27   28   29   30   31   32   33   34   35   36   37