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चितरंजन कुमार
शून्य से शशखर
तक का सफर
जुलाई 1970 को बिहार के शेखपुरा बजले हबियावां गांव बिवासी बििरंजि कुमार
का जनम झारखंड की राजधािी रािी (अबवभाबजि बिहार) के पंदाग में हुआ। 60
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24 के दशक में बििरंजि के बपिा रािी स्थिि सरकारी बवद्ालय में प्ािाय्य थिे ऐसे
में बििरंजि की पूरी बशक्ा झारखंड से ही हुई। ्ककूल के बदिों से ही जीवि में कुछ अलग,
कुछ िड़ा करिे का सपिा देखिे वाले बििरंजि िे समय के महतव को समझा और आग े
िलकर अपिे भबवषय की ऐसी ि्वीर ििाई बजसे देखकर लोग अिंबभि रह गए। अपिी
िेहिरीि सोि और कड़ी मेहिि के िूिे बिहार के इस लाल िे सफलिा और शोहरि का
जो मुकाम हाबसल बकया, वो अपिे आप में एक बमसाल है।
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