मिथला पेंटिंग की जब भी बात होती है गोदावरी दत्त का नाम खुद-ब-खुद सामने आ जाता है। कला की दुनि या में उनका नाम सम्मा न से लि या जाता है। उन्हें बिहार के बेहद पिछड़े मिथिलांचल इलाके में दीवारों पर उकेरी जानी वाली पेंटिंग को वहां से निकाल पूरी दुनिया में पहुंचाने का श्रेय जाता है। उनके द्वारा प्रशिक्षित हजारों लोग आज चित्र कला की इस विधा के जरिये जीवि कोपार्जन कर रहे हैं।
वयोवृद्ध गोदावरी जी 89 साल की उम्र में भी इतनी सक्रिय हैं कि पटना स्थित बिहार म्यूजियम में कोहबर थीम पर पिछले दिनों उन्होंने एक विशाल पेंटिंग बनाई है जिसे देखने लोग दूर-दूर से आते हैं। 2018 में पद्मश्री से सम्मानित गोदावरी दत्त के नाम 1973 से लेकर 1979 तक लगातार सात साल ऑल इंडिया हैंडीक्राफ्ट एक्जीबिशन अवार्ड से सम्मानित होने का रिकार्ड है | इसके अलावा उन्होंने दो बार देश के राष्ट्रपति के हाथों भी सम्मान हासिल हुआ है। 1980 में तत्कालीन राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी के हाथों उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिला जबकि 2006 में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा शिल्प गुरु सम्मान से सम्मानित की गईं।राज्य तथा देश के स्तर पर उन्हें मिले अन्य पुरस्कारों,सम्मानों की तो कोई गिनती ही नहीं है