डॉ. राजेश्वर प्रसाद सिंह को बिहार में दंत चिकित्सा क्षेत्र का पितामह कहा जाता है और ये स्वाभाविक भी है। डॉक्टर आर.पी. सिंह के जीवन से कई सारी चीजें ऐसी जुड़ी हुई हैं जो इससे पहले नहीं हुई थीं। वो बिहार सरकार के पहले डेंटल सर्जन थे जिन्हें मेडिसीन विभाग का फैकल्टी डीन बनाया गया। इसी प्रकार बिहार में बीडीएस और एमडीएस दोनों डिग्रियां हासिल करने वाले वे पहले चिकित्सक थे। उन्हें बिहार का पहला निजी डेंटल कॉलेज स्थापित करने का श्रेय जाता है। पटना गवर्नमेंटल डेंटल कॉलेज के लगातार 14 साल तक प्राचार्य रहने वाले वो पहले डॉक्टर थे। उन्होंने ही प्रदेश में पहली बार पटना डेंटल कॉलेज में एमडीएस कोर्स की शुरुआत की। यानी अपने पूरे जीवन डॉक्टर आर.पी. सिंह कुछ न कुछ नया करते रहे और इसमें हमेशा समाज की भलाई छिपी होती थी। उनकी उपलब्धियों को देखते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव
गांधी ने डॉक्टर आर.पी. सिंह को चिकित्सा क्षेत्र में दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान ‘बीसी राय अवार्ड’, से सम्मानित किया था।
बुद्धा इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंस, जिसे बिहार के लोग आमतौर पर बुद्धा डेंटल कॉलेज के नाम से जानते हैं, आज किसी पहचान का मोहताज नहीं है और बिहार ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों के छात्र भी
यहां से शिक्षा लेकर काबिल दंत चिकित्सक बनते हैं। मगर इस कॉलेज के संस्थापक का जीवन इतना सरल नहीं था।