विरासत में मिली अर्श की गरिमा को बनाये रखने का डॉ. गौतम के व्यक्तिगत जीवन का सफर फर्श से आरम्भ होकर एक नई ऊचाई यानी अर्श तक जाता है।उनका मानना है कि सफल मातापिता के सन्तान होने में सुविधाओं के साथ साथ ज़िम्मेदारियाँ तथा सफलता के स्थापित उच्च मापदण्ड भी होते है।ऐसे में अपनी एक अलग पहचान बनाना किसी फर्श से अर्श तक के सफर से कम नहीं।
डॉ.गौतम मोदी आज के दौर में बिहार व झारखण्ड राज्यों के एकमात्र एलर्जी विशेषज्ञ है और एलर्जी के जांच व उपचार में उनकी दक्षता अकाट्य है।भारत के जाने माने एलर्जी विशेषज्ञ स्व.डॉ.रामकृष्ण मोदी और प्रसिद्ध प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.प्रमिला मोदी के पुत्र डॉ.गौतम मोदी कहते है की उनके पिता न केवल बिहार के बल्कि भारत के प्रारंभिक एलर्जी चिकित्सकों में रहे है।डॉ.प्रमिला कहती है की गौतम के पिता की यह इच्छा थी की उनका पुत्र एलर्जी के इलाज को उनके बाद भी जारी रखे।इसी भावना से प्रेरित उनके सपनों को साकार करने हेतु डॉ.गौतम ने शिक्षा पूर्ण होने के पश्चात 1998 से 2016 पिता के निधन तक उनके संग कार्य किया व प्रशिक्षण ली।इसी क्रम में उन्होंने प्रदेश की चिकित्सा जगत में अपनी एक अलग पहचान बनाते हुए राष्ट्रीय स्तर पर एक अच्छे एलर्जी विशेषज्ञ के रूप में ख्याति प्राप्त की व सामाजिक तौर पर योग्य उत्तरीधकारी के रूप में पहचान बनाई।