बिहार के ख्यातिप्राप्त चिकित्सक डॉ.(कैप्टेन) दिलीप कुमार सिन्हा,ऑर्थोपेडिक्स सर्जरी की दुनिया का एक जाना माना नाम है! पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के हड्डी रोग विभाग से सेवानृवित 72 वर्षीय डॉ.सिन्हा स्पाइनल कॉड इंज्युरी पर कई वर्षों से काम कर रहे है! स्पाइनल कॉड पर इनके गहन अध्ययन एवं संसाधनों की कमी के बीच मरीज़ों के परिजनों को इस बिमारी से सम्बंधित प्रशिक्षण देने यानी मैन मैनेजमेंट के कारण डॉ.सिन्हा के इस मॉडल को पूरी दुनिया में सराहा गया|
ऐसे में रेड क्रॉस सोसाइटी और डब्लू.एच.ओ द्धारा समय समय पर डॉ.दिलीप सिन्हा को विश्व के कई देशों में सम्बंधित प्रशिक्षण के लिए आमंत्रित किया जाने लगा और देखते ही देखते इनकी ख्याति हिन्दुस्तान की सीमा पार कर गयी! चिकित्सा के जानकारों का कहना है की भारत में स्पाइनल कॉड इंज्युरी से सम्बंधित कई अस्पताल इस वक़्त काम कर रहे है लेकिन ये अस्पताल या तो सरकारी है या किसी ट्रस्ट के बैनर तले चलाये जा रहे है,ऐसे डॉ.सिन्हा द्धारा संचालित होप हॉस्पिटल संभवतः देश का पहला और अकेला ऐसा अस्पताल है जो निजी तौर पर बेहद कम खर्चे में मरीजों को अपनी सेवाएं दे रहा है! लम्बे समय तक बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष रहे डॉ.(कैप्टेन)दिलीप कुमार सिन्हा को स्पाइनल कॉड इंज्युरी के क्षेत्र में किये गए उत्कृस्ट कार्यों को ध्यान में रखकर साल 2015 में दिल्ली में आयोजित इंडियन स्पाइनल इंज्युरी सेन्टर के अंतरराष्ट्रीय सेमीनार में लाइफ टाईम अचीवमेंट अवार्ड देकर सम्मानित भी किया गया!