एच.आई.वी के रिसर्च और सफल इलाज के लिए पुरे देश में प्रसिद्ध भगवती आयुर्वेद प्राइवेट लि के चैयरमेन डॉ.अनिल कुमार ने काफी कम समय में खुद की एक अलग पहचान बनाई है! डॉ.अनिल कुमार कहते हैं की साल 2004 में बिहार सरकार द्धारा मुझे औषधि निर्माणशाला शुरू करने की इज़ाज़त मिली और इसी साल मैंने नालंदा जिले के सोहसराय स्थित तलाब पर भगवती आयुर्वेद के नाम से खुद का उद्योग स्थापित किया! साल 2005 की शुरुआत में डॉ.अनिल ने अपने कई उत्पाद बाज़ार में लॉन्च किये जिनमे कफक्योर,रुमागोल्ड केप्सूल,डी-क्योर टैबलेट,लिवरेक्स सिरप और लाइटोन सीरप ने बिक्री ने तमाम रेकॉर्ड तोड़ दिए! बदलते वक़्त के साथ भगवती आयुर्वेद द्वारा निर्मित इन तमाम उत्पादों की सफलता से उत्साहित कंपनी के चेयरमेन डॉ.अनिल कुमार ने बिहार से बाहर निकलकर दिल्ली,पश्चिम बंगाल,उड़ीसा,झारखंड,उत्तर प्रदेश में अपने उत्पादों की सप्लाई शुरू की |
एच.आई.भी रोगियों के सफल इलाज और इसमें मिली कामयाबी पर डॉ.अनिल कुमार कहते हैं की एच.आई.भी पीड़ित रोगियों का सर्वप्रथम वो जांच करवाते हैं और यह देखते हैं की इससे सम्बंधित CD4 एवं वाइरल लोड कितनी संख्या में मौजूद है तत्पश्चात इलाज प्रारम्भ किया जाता है! प्रत्येक तीन माह में यह जांच करवाई जाती है ताकि यह पता लग सके की CD4 एवं वाइरल लोड की क्या स्थिति है!