बिहार वित् सेवा के अवकाश प्राप्त अधिकारी और प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी कपिलदेव त्रिवेदी के पुत्र डॉ.आशुतोष त्रिवेदी, बिहार की चिकित्सा जगत का एक जाना माना नाम है! डॉ.आशुतोष त्रिवेदी का नाम राज्य के उन गिने चुने डेंटल सर्जनों में शुमार है जिन्होंने अपनी बेहतर सोच की बदौलत इस प्रोफेशन को न केवल नई ऊंचाई प्रदान की बल्कि डेंटिस्ट्री को शिखर तक ले जाने में लोग इनके प्रयासों की भी सराहना करते है!
अत्यंत मेघावी छात्र के रूप में पहचान रखने वाले आशुतोष त्रिवेदी ने पटना मॉन्टेसरी स्कूल से प्रारम्भिक शिक्षा हासिल की और लम्बे समय तक पटना के संत माइकल स्कूल के भी छात्र रहे! आशुतोष के कई सहपाठी और शिक्षक बताते हैं की गंभीर स्वभाव के आशुतोष छात्र जीवन से ही स्कूल और कॉलेजों में पढ़ रहे आम छात्रों से बिलकुल अलग थे और करिअर के प्रति गंभीर भी! परिवार के सदस्य कहते हैं की कॉलेज के दिनों से ही आशुतोष की चाहत एक सफल डेंटल सर्जन बनने की थी और अपने इस सपने को साकार करने के इरादे से आशुतोष ने बी.आई.डी.एस यानी बेचलर इन डेंटल सर्जरी की डिग्री हासिल की साथ ही अमेरिका के न्यूयोर्क से कॉस्मेटिक एंड डेंटल सर्जरी की डिग्री भी अपने नाम की! दिन,महीने और साल बदलते रहे और बदलते समय के साथ डॉ.आशुतोष त्रिवेदी ने डी.एम.बी यानि अमेरिकन बोर्ड ऑफ़ ओरो साईंस का कोर्स भी पूरा किया! यह वो दौर था जब डॉ.त्रिवेदी को हिन्दुस्तान के अलावा विश्व के कई देशों के प्रसिद्ध कॉलेजों और अस्पतालों से नौकरी के ऑफर आने लगे लेकिन डॉ.त्रिवेदी ने इन सभी ऑफरों का त्याग किया और अपने वतन वापस लौट गए! 90 के दशक में पच्चीस रुपए फीस के साथ डॉ.आशुतोष त्रिवेदी ने ओरो डेन्टल के नाम से अपनी निजी क्लिनिक की शुरुआत की और आगे आने वाले सालों में ओरो डेन्टल और डॉ.आशुतोष त्रिवेदी का नाम अब हर किसी की जुबां पर था!