Page 83 - CTB Hi resolution visioneries of bihar pdf
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्से कई आ्साधय रोगों को जड़ ्से ठीक बकया है तथा मरीजों को जीिनदान
                                                                                                                                                                                                                                                             बदया है | ्सफेद दाग, गबठया, ्साइबटका, ्सर ददचा, थायरॉइड, बमगगी, डाइबिटीज
                                                                                                                                                                                                                                                             आबद कई रोगों में उनहोंने कई रर्सिचा की हैं और अनेक शोध को बिबकत्सा
                                                                                                                                                                                                                                                             जगत के ्सामने प्रस्तत बकया है। उनके इनहीं ्सफल प्रया्सों की िदौलत इनह  ें
                                                                                                                                                                                                                                                                           ु
                                                                                                                                                                                                                                                             कुछ प्रमुख मीबडया ्सस्थानों द्ारा ्समय-्समय पर ्सममाबनत बकया जा िुका है।
                                                                                                                                                                                                                                                                            ं
                                                                                                                                                                                                                                                                डॉ. प्र्साद ने अपने रर्सिचा पेपर की प्रस्तुबत न केिल अपने देश िक्लक
                                                                                                                                                                                                                                                             बिदेशों में भी की है। यही िजह है बक नई दिाओं की खोज के कारण डॉ.
                                                                                                                                                                                                                                                             प्र्साद का नाम आज देश के कई प्रबतक्ठित होबमयोपैथी बिबकत्सको में
                                                                                                                                                                                                                                                             बगना जाता है।  ्साऊथ अफ्ीका में अपने रर्सिचा पेपर की प्रस्तुबत के िाद
                                                                                                                                                                                                                                                             िहां के ्सा्सद एिं महातमा गांधी की पोती इला गांधी द्ारा भी डॉ. प्र्साद
                                                                                                                                                                                                                                                                     ं
                                                                                                                                                                                                                                                             को ्सममाबनत बकया जा िुका है। होबमयोपैथी के जनक डॉ. ्सर ्सैमयअल
                                                                                                                                                                                                                                                                                                              ु
                                                                                                                                                                                                                                                                                                    ु
                                                                                                                                                                                                                                                             हैबनमैन के देश जमचानी में भी प्र्साद ने रर्सिचा पेपर प्रस्तत बकया। बिदेश के
                                                                                                                                                                                                                                                             अलािा देश में भी कई िार इनहोंने यहां की िड़ी हक्स्तयों ्से ्सममान प्राप्त
                                                                                                                                                                                                                                                                                                               ू
                                                                                                                                                                                                                                                                                      े
                                                                                                                                                                                                                                                             बकया बजनमें पदमश्ी डॉकटर बजतनद्र ब्संह, ्सी. ्सी.आर.एि मनिंदा, पिचा
                                                                                                                                                                                                                                                             बरिकेटर िीरेंद्र ्सहिाग, अबभनेत्ी कररशमा कपूर और बिहार के स्िास््थय
                                                                                                                                                                                                                                                             मंत्ी मंगल पांडेय आबद शाबमल हैं। डॉ िी एम प्र्साद का कहना है, “मैं
                                                                                                                                                                                                                                                             कई ्सालों ्से इ्स पेशे में हूं और हजारों मरीजों को हुए बिबभन्न रोगों का
                                                                                                                                                                                                                                                             ्सफलतापिचाक इलाज भी कर िुका हूं। मैं पूरे दािे ्से कह ्सकता हूं बक
                                                                                                                                                                                                                                                                    ू
                                                                                                                                                                                                                                                             होबमयोपैथी का िास्तबिक अथचा क्क्क, फास्ट ऐंड परमानेंट कयोर है।”
                                                                                                                                                                                                                                                             िातिीत के दौरान डॉ. प्र्साद पूरे दािे के ्साथ कहते हैं बक होबमयोपैथी
                                                                                                                                                                                                                                                              ु
                                                                                                                                                                                          अ्साधय रोगों के इलाज पर पूछे गए एक ्सिाल के जिाि में डॉ. प्र्साद कहते हैं, “बिगत 8   दबनया की ्सि्से तेज गबत ्से अ्सर करने िाली बिबकत्सा पद्धबत है और
                                                                                                                                                                                        िर्षों ्से मैं, कैं्सर ज्सी गंभीर बिमारी पर लगातार रर्सिचा कर रहा हूं और अि कई मरीजों पर   यही िजह है बक भारत के अलािा बिश्व के कई देशों ने इ्स िात को न
                                                                                                                                                                                                     ै
                                                                                                                                                                                        बकए ्सफल प्रयोगों के हमें िौकाने िाले नतीजे बमलने लगे हैं। मैं यकीन के ्साथ कह ्सकता हूं   केिल स्िीकार बकया िक्लक भारत ्सरकार ने इ्स बिबकत्सा पद्धबत को
                                                                                                                                                                                        बक जलद ही हम इ्स िीमारी पर कािू पाने में ्सफल होंगे।                 िढ़ािा देने के बलए कई वयापक कदम भी उठाए हैं।

                                                                                                                                                                                          होबमयोपैथी के जाने-माने बिबकत्सक डॉ. िी एम प्र्साद का जीिन ििपन ्से ही   िी. ्सी. जमचान होबमयो एिं रर्सिचा ्सेंटर में आए रोबगयों को डॉ. प्र्साद
                                                                                                                                                                                                                                                                                                         े
                                                                                                                                                                                                                                                                      ू
                                                                                                                                                                                        प्रेरणादायक तथा ्संघर्चामय रहा है। डॉ. प्र्साद का जनम नालंदा बजले के एक छोटे ्से गांि   केिल कुछ िंदों के द्ारा आराम पहुूंिाने में ्सक्षम हैं। इनका उद्शय न
                                                                                                                                                                                        केलािीघा में हुआ था।  ‘जहां िाह िहां राह’ की उक्ति िररताथचा करने िाले डॉकटर बरिज   केिल होबमयोपैथी बिबकत्सा पद्धबत को िढ़ािा देना है िक्लक आम लोगों को
                                                                                                                                                                                        मोहन प्र्साद आज बक्सी पररिय के मोहताज नहीं हैं। डॉ. प्र्साद ने होबमयोपैथी दिाओं द्ारा   होबमयोपैथी के प्रबत जागरूक करना भी है। इ्स बिबकत्सा पद्धबत ्से जुड़े
                                                                                                                                                                                        जबटल ्से जबटल रोगों का इलाज कर पटना ्से अफ्ीक तक बिहार का नाम रोशन बकया   जानकारों का मानना है बक होबमयोपैथी ्सि्से कारगर, कम खिगीला और तेजी
                                                                                                                                                                                                                                                                                                 े
                                                                                                                                                                                        है। बिहार के नालंदा बजले के एक गरीि पररिार में जनमे डॉ. िृजमोहन प्र्साद ने होबमयोपैथी   ्से अ्सर करने िाली बिबकत्सा पद्धबत है। इ्सकी बिशर्ता यह है बक इ्सका
                                                                                                                                                                                        बिबकत्सा को न केिल नई ऊंिाई दी िक्लक अपने ज्ान की िदौलत देश ्से बिदेशों तक   मरीजों के शरीर पर कोई दुष्प्रभाि नहीं होता।
                                                                                                                                                                                                                        ं
                                                                                                                                                                                                                                          ु
                                                                                                                                                                                        इ्स बिबकत्सा पद्धबत का परिम लहराया है। ्स्साधनों का अभाि तथा ्सबिधाओं की कमी
                                                                                                                                                                                        कभी डॉ. प्र्साद के लक्य के आड़े नहीं आई। उनका अपने लक्य के प्रबत ्समपणचा तथा लोगों   डॉ. प्र्साद की पतनी और होबमयोपैथी की जानी-मानी बिबकत्सक डॉ. रीना
                                                                                                                                                                                            े
                                                                                                                                                                                        की ्सिा की िाहत की िदौलत ही डॉ. प्र्साद ने अपने रास्ते को आ्सान िनाया और मरीजों   कुमारी भी इनके ्साथ बमलकर अपने क्लिबनक पर लोगों को ्सेिा प्रदान करती
                                                                                                                                                                                                                                                                                    े
                                                                                                                                                                                                               ु
                                                                                                                                                                                        के भरो्से को जीता। आउटलुक ग्प के कं्सक्लटग ए्सोब्सएट एबडटर बदनेश आनंद द्ारा   हैं। डॉ रीना कुमारी स्त्ी रोग बिशर्ज् हैं तथा डॉ िी.एम.प्र्साद के रर्सिचा कायचा
                                                                                                                                                                                                                        ूं
                                                                                                                                                                                        पूछे गए एक ्सिाल के जिाि में डॉ. प्र्साद कहते हैं बक आम लोगों के िीि यह धारणा रही   में उनकी ्सहयोगी हैं। उनका मानना है बक होबमयोपैथी में कुछ भी अ्संभि
                                                                                                                                                                                        है बक होबमयोपैथी दिाएं देर ्से अ्सर करती हैं। पर अि यह िीते ्समय की िातें हैं और   नहीं है, िशतते ्सही ्समय पर इलाज कराया जाए। हाल के बदनों में इ्स दंपती
                                                                                                                                                                                        िदलते िति के ्साथ ऐ्सी धारणाएं भी अि िदल रही हैं।                    द्ारा तैयार कोरोना की दिा ने इनहें काफी शोहरत बदलाई और ्सैकड़ों मरीजों
                                                                                                                                                                                                                                                             को लाभ पहुूंिाया। इन दोनों की कड़ी मेहनत तथा अथक प्रया्स और ्सेिा
                                                                                                                                                                                          डॉ. प्र्साद का कहना है बक होबमयोपैथी दिाएं जलद और तेजी ्से अ्सर करती हैं। आज   भािना के कारण ही आज पटना के कुमहरार बिस्कोमान कॉलोनी क्स्थत िी.
                                                                                                                                                                                        होबमयोपैथी दिा िेहद कम खिचा में जबटल ्से जबटल रोगों को जड़ ्से ठीक कर रही हैं और   ्सी. जमचान होबमयो क्लिबनक ऐंड रर्सिचा ्सेंटर न केिल मरीजों के बिश्वा्स का
                                                                                                                                                                                        इ्स्से लोग लाभाक्नित भी हो रहे हैं। अपने प्रारूंबभक जीिन ्से ही डॉकटर प्र्साद ्समाज के बलए   केंद्र है िक्लक इ्स दंपती द्ारा शुरू बकया गया डॉ. बरिज होबमयोपैथी क्लिबनक
                                                                                                                                                                                          ै
                                                                                                                                                                                        ्सदि कुछ िेहतर करने का प्रया्स करते रहे हैं। यही कारण है बक उनहोंने होबमयोपैथी दिाओं   होबमयोपैथी बिबकत्सा क्षेत् में मील का पतथर भी ्साबित होगा | O

                       82    डॉ. बी. एम. प्रसाद                                                                                                                                                                                                                                                  डॉ. बी. एम. प्रसाद  83
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