Page 79 - CTB Hi resolution visioneries of bihar pdf
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सामाबजक काय्जक्रमों के संरक्षक या उद्ा्टनकता्ज के रूप में जुड़े रहे हैं।  सबक्रय रूप से योगदान दे रहे हैं।

                                                                                                                                                                                          डॉ ठाकुर ने मबडबसन पर छह बड़ी पुसतकों का संपादन बकया है और कई    डॉ ठाकुर बबहार में गरीब हृदय रोग रोबगयों के बलए हृदयम राउंडेिन नामक
                                                                                                                                                                                                    े
                                                                                                                                                                                        वैज्ाबनक प्रकािनों के संपादकीय बोड्ड में हैं। वह अपने ज्ान और अनुभवों को   िैरर्टी संसथा िलाते हैं, बजसने सामुदाबयक आउ्टरीि काय्जक्रमों, आजीवन रोबगयों
                                                                                                                                                                                                                                                                    ु
                                                                                                                                                                                        बनयबमत रूप से ्टीवी और बप्रं्ट मीबडया में साझा करते हैं। वह एसकेएमसीएि   की सेवा और समबित सवास्थय बिक्षा के द्ारा हजारों लोगों को लाभालनवत बकया
                                                                                                                                                                                                            े
                                                                                                                                                                                        मुजफररपुर की एबथकल कम्टी के अधयक्ष हैं। साइंब्टबरक बैठकों में उनके   है। यह राउंडेिन मानयता प्राप्त सीएमई काय्जक्रम िलाने वाले सवास्थय पिेवरों
                                                                                                                                                                                                                                                                                                           े
                                                                                                                                                                                        उल्खनीय भारणों में एपीआई 2002 के बदल्ी स्टे्ट िैप्टर के "प्रो बीसी   को जोड़ने के बलए एक न्टवक्फ (काबड्डयो-बबहार) भी िलाता है। उनहोंने रोग
                                                                                                                                                                                                                                                                          े
                                                                                                                                                                                           े
                                                                                                                                                                                        बंसल ओरेिन-उमा बंसल ओरेिन", डॉ एमएम बमत्तल ओरेिन, 2002 िेन्नई में   बनवारण से जुड़े सवास्थय बवरयों पर कई वयाखयान बदए हैं और साव्जजबनक लाभ
                                                                                                                                                                                        प्रेबसडेंबियल ऑरेिन, डीन ओरेिन अहमदाबाद 2011 और कोलकाता 2012, मुंबई   के बलए संसाधन उपलबध कराए हैं। इस राउंडेिन ने नेपाल भूकंप और बबहार
                                                                                                                                                                                        में प्रेबसडेंबियल ऑरेिन, एपीआई पलश्म बंगाल के दूसरे पववी क्षत्ीय सममलन   बाढ़ जैसी प्राककृबतक आपदाओं के दौरान जरूरतमंदों की सबक्रय रूप से सहायता
                                                                                                                                                                                                                                  ू
                                                                                                                                                                                                                                            े
                                                                                                                                                                                                                                     े
                                                                                                                                                                                        में जेसी बनजवी ओरेिन, एपीआई 2016 के डॉ बी प्रसाद ओरेिन झारखंड िैप्टर,   की है। अधयक्ष के रूप में वे सतयानंद योग साधना केंद्र, मुजफररपुर के बैनर तल  े
                                                                                                                                                                                        डॉ मधुसूदन दास मेमोररयल ओरेिन 2011 और 2014, डॉ एसके बसनहा ओरेिन,   सवसथ जीवन िैली के बारे में जागरूकता के बलए योग अभयास, वयाखयान और
                                                                                                                                                                                        डीएमसीएि 2016 िाबमल हैं। उनके अबधकाि वयाखयान पुसतकों और एपीआई/  संसाधन प्रावधान के साथ कई योग बिबवर भी आयोबजत कर रहे हैं। डॉ ठाकुर को
                                                                                                                                                                                                                       ं
                                                                                                                                                                                        आईसीपी अपडेटस में प्रकाबित हुए हैं।                             अनुकरणीय समाज सेवा के बलए कई पुरसकारों से सममाबनत बकया गया है, बजनमें
                                                                                                                                                                                                                                                        26 जनवरी 2011 को मुजफररपुर बजला प्रिासन द्ारा बिबकतसा क्षेत् में असाधारण
                                                                                                                                                                                          उनहोंने एपीआई-आईसीपी के अनुसंधान बवंग की सथापना भी की, जो सीएमई   योगदान, लॉयन क्लब से बवबिष्ट सेवा सममान, लायंस क्लब मुजफररपुर स  े
                                                                                                                                                                                                                                         ू
                                                                                                                                                                                        और स्ातकोत्तर बिक्षण काय्जक्रमों और अनुसंधान से जुड़ा सरलतापव्जक िलन  े  पुरसकार, बवबिष्ट सेवा सममान, युग सृजन, इंबडयन रेड क्रॉस सोसाइ्टी, एनएसएस,
                                                                                                                                                                                        वाला बनकाय है और दि भर में ग्रामीण सीएमई काय्जक्रमों को बढ़ावा देता है।   बतरहुत उद्ान बवकास परररद, और इमपक्ट इंबडया राउंडेिन रॉर द लाइरलाइन
                                                                                                                                                                                                                                                                                    ै
                                                                                                                                                                                                        े
                                                                                                                                                                                                                                                            े
                                                                                                                                                                                                                                                                         ु
                                                                                                                                                                                        आजीवन सदसय के रूप में वे इंबडयन मबडकल एसोबसएिन, इंबडयन रेड क्रॉस   एकसप्रस, प्रभात खबर ग्रप ऑर पेपस्ज से कम्जयोगी सममान और बववेकानंद भारत
                                                                                                                                                                                                                    े
                                                                                                                                                                                                े
                                                                                                                                                                                        सोसाइ्टी, निनल एसोबसएिन रॉर वॉलें्टरी स्टरलाइजेिन ऐंड रैबमली वेलरेयर,   पररक्रमा 1992 के दौरान समनवयक के रूप में सममान उल्खनीय हैं।
                                                                                                                                                                                                                                                                                                 े
                                                                                                                                                                                        लायंस क्लब, बतरहुत उद्ान सबमबत, मुजफररपुर और सतयानंद योग साधना केंद्र,
                                            े
                          बबहार के सुदूर ग्रामीण क्षत्ों में सेवा देने के बाद, 1970 में उनहोंने राजेंद्र   अकादबमक उतककृष्टता के अपने जुनून के कारण डॉ ठाकुर ने न बसर्फ वयलतिगत         बजसके वे अधयक्ष हैं, जैसे सथानीय और क्षत्ीय संगठनों से सबक्रय रूप से जड़े हुए   डॉ ठाकुर के पररवार में उनकी पतनी रमा ठाकुर हैं, जो उनके साथ हमिा
                                                                                                                                                                                                                                             ु
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                                                                                                                                                                                                                     े
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                        मबडकल कॉलेज, रािी में एक जबनयर ट्ेनी बिक्षक के रूप में योगदान बदया।   रूप से बल्क काबड्डयोलॉबजकल सोसाइ्टी ऑर इंबडया, अमेररकन कॉलेज ऑर                           हैं। सामाबजक और जन-जागरूकता गबतबवबधयों और सवास्थय काय्जक्रमों में भी व  े  समथ्जन में खड़ी रहीं हैं। वह हृदयम राउंडेिन की सह-अधयक्ष के रूप में इसकी
                                      ं
                        ततपश्ात, वर्ज 1974 में उनकी बनयलति दरभंगा मबडकल कॉलेज में हुई, लबकन   बरबजबियन, अमेररकन सोसाइ्टी ऑर हाइपर्टेंिन, हाइपर्टेंिन सोसाइ्टी ऑर                                                                                        गबतबवबधयों को िलाने में भी मदद करती हैं। उनके बड़े ब्टे डॉ आिीर के ठाकुर
                                                ु
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                 े
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                        अगले ही साल वे एस के मबडकल कॉलेज, मुजफररपुर में रीडर के रूप में   इंबडया, इंबडयन एकेडमी ऑर लक्लबनकल मेबडबसन, आईएमए एकेडमी ऑर                                                                                                    अंतरराष्टीय खयाबत के काबड्डयोलॉबजस्ट हैं। वे बरि्टेन और भारत में काम कर रहे
                        प्रबतबनयति पर िले गए, जहां से वे वर्ज 1999 में सेवाबनवृत्त हुए। इस दौरान व  े  मबडकल सपेबियबल्टीज, आईएमए कॉलेज ऑर जनरल प्रैलक्टिनस्ज, इंबडयन                                                                                    हैं और राउंडेिन की लक्लबनकल गबतबवबधयों का नेतृतव कर रहे हैं। डॉ ठाकुर की
                                                                                        े
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                        15 वरषों तक प्रोरेसर और मबडबसन बवभाग के प्रमुख के रूप में काय्जरत रहे।   रामा्जकोलॉबजकल सोसाइ्टी, ररसि्ज सोसाइ्टी रॉर स्टडी ऑर डायबब्टीज इन                                                                                     बड़ी बहू लसमता बरि्टेन में जनरल बरबजबियन और अनुभवी डायब्टोलॉबजस्ट हैं। व  े
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                                                                                                                                                                                                                                                                                                      े
                                                                                                                े
                                                       ू
                        सेवाबनवृत होने के पश्ात उनहोंने बवबभन्न भबमकाओं में दो दिकों से अबधक तक   इंबडया, लक्लबनकल काबड्डयो-डायब्टोलॉजी सोसाइ्टी ऑर इंबडया और इंबडयन                                                                                    दोनों प्रबिक्षक, कोि और संरक्षक हैं। उनकी ब्टी अबिनी इमपीररयल कॉलेज लंदन
                                                                                                                                                                                                                                                                                         े
                                                                                                                                                                                                                                                                                             ं
                        अनवरत रूप से समाज की सेवा की है। आज उनकी गणना समग्र और सुरबक्षत   सोसाइ्टी रॉर मलेररया ऐंड अदर कमयुबनकेबल बडजीज जैसे राष्टीय और                                                                                                 में मबडबसन की पढ़ाई कर रही हैं, जो काबड्डयोलॉबजस्ट बनकर पररवार की बवरासत
                                                                                                                                                                                                                                                           े
                        बिबकतसा प्रदान करने वाले करुणामय और वररष्ठ बिबकतसकों में होती है। मरीजों   अंतरा्जष्टीय बनकायों के साथ जुड़ कर अनेक महतवपण्ज उपललबधयां हाबसल की                                                                                  को आगे बढ़ाने की खवाबहि रखती हैं। उनहें वयायाम, संगीत और यात्ा करना पसंद
                                                                                                                            ू
                                                                     े
                                                                                                                                            े
                        के बीि उनकी भारी मांग है। कोबवड-19 महामारी के दौरान बविर रूप से यह   हैं। उनहें अमेररकन कॉलेज ऑर बरबजबियन (FACP), IMA एकेडमी ऑर मबडकल                                                                                           है। डॉ ठाकुर के छो्टे ब्टे मनीर (बी्टेक, एमबीए) और बहू मेहा (बी्टेक) अब यात्ा,
                                                                                                                                                                                                                                                                         े
                        देखा गया।                                                      सपेिबल्टीज (FIAMS), इंबडयन कॉलेज ऑर बरबजबियन (FICP), इंबडयन एकेडमी                                                                                               संगीत, सामाबजक सेवा सबहत वनय जीवन और बड्ड वॉबिंग के अपने जुनून के साथ
                                                                                       ऑर द लक्लबनकल मबडबसन (FIACM) और सोसाइ्टी रॉर मलेररया ऐंड अदर                                                                                                     सवसथ और तनाव मति जीवन जी रहें हैं। उनकी ब्टी बमबहका, जो वत्जमान में 12वीं
                                                                                                       े
                                                                                                                                                                                                                                                                                            े
                                                                                                                                                                                                                                                                      ु
                          डॉ ठाकुर बबहार के पहले वयलति हैं, बजनहें न बसर्फ एसोबसएिन ऑर   कमयुबनकेबल बडजीज द्ारा रैलोबिप भी प्रदान की गई है।                                                                                                             कक्षा में है, एक उतसाही वाद-बववाद/साव्जजबनक वतिा, बपयानोवादक और मानबसक
                        बरबजबियन ऑर इंबडया (एपीआई) के िासी बनकाय के बलए बनवा्जबित बकया गया                                                                                                                                                              सवास्थय सहकमवी और परामि्जदाता हैं।
                        बल्क वे इसके राष्टीय अधयक्ष भी बने। इसके अलावा, उनहोंने इंबडयन कॉलेज   उनहोंने बनयबमत रूप से सथानीय, राजय सतरीय और राष्टीय बैठकों और सममेलनों
                        ऑर बरबजबियन (आइसीपी) के डीन, एबपकॉन के बलए वैज्ाबनक सबमबत के प्रमुख   का आयोजन बकया और बपछले 25 वरषों में कुल 250 से अबधक वयाखयान बदए। वर्ज                                                                                       महामारी के दौरान, अनेक बाधाओं के बावजूद, डॉ ठाकुर ने सथानीय से लेकर
                        और हाइपर्टेंिन सोसाइ्टी ऑर इंबडया (एिएसआइ) के अधयक्ष का पद सिोबभत   2010 में उनहोंने भारतीय बिबकतसकों के सवास्थय सववेक्षण का आयोजन बकया बजसमें                                                                                  राष्टीय और अंतरराष्टीय सतर पर कई बवरयों पर बनयबमत वेबबनार में भाग लेकर
                                                                             ु
                                   े
                        करने के साथ दि भर में कई संगठनों के िासी बनकाय में भी अपना योगदान   1538 बिबकतसकों ने भाग बलया और जीवन िैली संबंधी और अनय सलाहों से                                                                                             रोगी देखभाल और साझा सीखने के बलए आभासी पले्टरामषों के बलए ज्दी ही
                        बदया। बिबकतसा के क्षेत् में उनके उतककृष्ट योगदान के कारण 2016 उनहें एपीआई   लाभालनवत हुए। 1980 के दिक के अंत में और 1990 के दिक की िुरुआत में, जब                                                                               खुद को ढाल बलया। युवा पीढ़ी को मरीज केंबद्रत देखभाल प्रदान करने के बलए
                        के सबसे प्रबतलष्ठत पुरसकार "डॉ वी परमेश्वर लाइर्टाइम अिीवमें्ट अवाड्ड" स  े  उत्तरी बबहार कालाजार के खतरे से जूझ रहा था, डॉ ठाकुर इसके बखलार लड़ाई                                                                               सीखने और प्रोतसाबहत करने की उनकी ललक और समग्र रूप से उनकी पहुंि
                        नवाजा गया। वर्ज 2019 में उनहें "डॉ जीवराज मेहता लाइर्टाइम अिीवमें्ट अवाड्ड",   में सबसे आगे थे। उनहोंने इसके इलाज और अनुसंधान दोनों क्षेत्ों में नेतृतव बकया।                                                                   और सभी के साथ जड़ने की क्षमता अनुकरणीय और अबद्तीय मानी जाती है। उनहें
                                                                                                                                                                                                                                                                       ु
                        1994 में "एमजे िाह अवाड्ड" और 1999 में उनहें यूपी िैप्टर द्ारा "प्रोरेसर डीएस   उनहें संक्रामक रोगों पर योजना आयोग के काय्जकारी समूह, 10वीं पंिवरवीय योजना,                                                                     अकसर बिबकतसा बबरादरी में एपीआई के डॉयन यानी ऐसे बदगगज के रूप में जाना
                        बसंह मेमोररयल अवाड्ड" से सममाबनत बकया गया। बवबभन्न अवसरों पर पर उनहें   सलाहकार सबमबत, केंद्रीय यूनानी बिबकतसा अनुसंधान परररद और राष्टीय सतर                                                                                    जाता है बजन पर बकसी भी पररलसथबत में भरोसा बकया जा सकता है। उनहोंने अपन  े
                        आईजीआईएमएस, बबहार और एपीआई, आईसीपी के झारखंड िैप्टर और एपीआई   पर कालाजार पर बविरज् ्टीम के सदसय के रूप में भी नाबमत बकया गया था।                                                                                               कररशम और उतसाह के साथ बवबभन्न मोिषों पर अपनी यात्ा जारी रख समाज के
                                                                                                       े
                                                                                                                                                                                                                                                             े
                        के कई अनय राजयों के िैप्टरों द्ारा भी सममाबनत बकया गया है।     उनका एक वतिा और मॉडरे्टर के रूप में भी उल्खनीय योगदान है और वे अनेक                                                                                              सामने एक उतककृष्ट उदाहरण पि बकया है। O
                                                                                                                           े
                                                                                                                                                                                                                                                                              े
                       78    डॉ बी बी ठाकुर                                                                                                                                                                                                                                                        डॉ बी बी ठाकुर  79
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