Page 75 - CTB Hi resolution visioneries of bihar pdf
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                               णबज् के णपता सागरमल णकशोरपरर्ा द्ारा सथाणपत बीएमडब्ल्  यू
                             ग्रुप में तीन कंपणन्ां शाणमल हैं। ्े कंपणन्ां लगिग तीन दशक स  े
                             टाटा सटील णलणमटेड के साथ जरुड़ी हुई हैं और टाटा णटसकटॉन, टाटा
                                                                                                                                                                                                                                                                                               रु
                                                                                                                                                                                                                                                          उम्र की साठ की दशक में णबज् स्ेणहल णपता और दलार देने िाले दादा है।
                             शसति, टाटा ड्यूराशाइन, टाटा णिरटॉन, टाटा प्रिेश, टाटा कोष, टाटा                                                                                                                                                            लणकन इस सबसे बढ़कर िे एक परोपकारी इंसान हैं। इसका श्े् परी तरह उनके
                                                                                                                                                                                                                                                         े
                                                                                                                                                                                                                                                                                                      यू
                                                                        ै
                             एसट्म, टाटा सट्क्चर, टाटा एग्ीको, टाटा सटीणल्म और टाटा ग्लिानो
                                                                                                                                                                                                                                                                                        कृ
                                                                                                                                                                                                                                                                                                             े
                                  ं
                             जैसे बाडों में काम कर रहा है। कंपनी मणहंद्ा जैसे प्रणतसष्त ग्ाहकों स  े                                                                                                                                                    माता-णपता को जाता है, णजनहें िे “आदशशों, सांसकणतक मयू्ल्ों, गम्मजोशी और स्ह का
                             िी जरुड़ी है। इस बैनर के तले 700 कम्मचारी काम करते हैं। व्िसा् में                                                                                                                                                         खजाना” कहते हैं। उनके णपता सागरमल णकशोरपरुरर्ा ने हमेशा उनहें पररिार को एक
                                                                                                                                                                                                                                                        साथ रखने और णित्त में महारत हाणसल करने की सलाह दी। इसके साथ-साथ उनकी
                              ै
                             नणतकता और णिश्सनी्ता के चलते आज ्ह समयूह बाजार में शीष्म
                             सथान रखता है।                                                                                                                                                                                                              मां ने अपने छह बच्ों में ईमानदारी, सिाणिमान और करुिा जैसे मयू्ल्ों का संचार
                                                                                                                                                                                                                                                        णक्ा। णबज् कहते हैं, “सबसे महतिपयूि्म बात जो आप कर सकते है, िह है अपने बच्ों
                                                                                                                                                                                                                                                        के सामने अचछा उदाहरि पेश करना। आप उनके साथ कैसा व्िहार करते हैं ्ह
                               िागलपर में णबज् की एक रोणलंग णमल िी थी णजसे 1994 में बंद
                                    रु
                             कर णद्ा ग्ा। लणकन, उनहोंने णिपरीत पररससथणत का लाि उठा्ा और                                                                                                                                                                 देखकर िे सीखते हैं। िे देखते हैं णक आप दयूसरों के साथ कैसे व्िहार कर रहे हैं और
                                         े
                                                                                                                                                                                                                                                        णिणिन्न पररससथणत्ों में आप क्ा करते हैं। ठीक हमारे माता-णपता ने ऐसा णक्ा, जब
                                          रु
                                                                      यू
                             कुछ ही सम् में खदरा णिक्ताओं और डीलरों का एक मजबत नेटिक  ्क
                                                े
                                                                                                                                                                                                                                                             े
                                                             रु
                                                                   े
                             णिकणसत कर णल्ा। िह बताते हैं, “हम उन खदरा णिक्ताओं के संपक  ्क                                                                                                                                                             हम बच् थे।”
                             में रहे, जो पहले से ही णमल से जरुड़े हुए थे। साथ ही हमनें 50 नए डीलरों                                                                                                                                                       पाररिाररक णिरासत को आगे बढ़ाना और सथाणपत व्िसा् में िणधि होती रहे ऐसा
                                                                                                                                                                                                                                                                                                     ृ
                                                रु
                             के साथ संपक्क बनाए। हम खशनसीब रहे णक आज इनकी संख्ा 485 है।
                                                                                                                                                                                                                                                                         े
                             इनमें 110 हमारे एकसक्यूणसि डीलर हैं।                                                                                                                                                                                       करना आसान नहीं है। लणकन णबज् के उत्तराणिकारी और उनके बेटे णनणतन ने अपनी
                                                                                                                                                                                                                                                                   ं
                                                                                                                                                                                                                                                        मेहनत से इसे सिि बना्ा। मध् प्रदेश के गिाणल्र में णसंणि्ा सककूल के पयूि्म छात्र
                                                                                                                                                                                                                                                        णनणतन ने परुिे में णसमबा्ोणसस इंसटीट्यूट ऑफ णबजनेस मैनेजमेंट से एमबीए णक्ा।
                               णबज् के पयूि्मज राजसथानी थे। एक सदी से िी पहले िे लोग णजला
                                                                                                                                                                                                                                                                  यू
                             झंझरुन, शेखािाटी के णकशोरपरा गाि से णबहार आए थे। िषशों ्हां रहत  े                                                                                                                                                         बीएमडब्ल्यू समह के णनदेशक णनणतन, फम्म में णबक्ी और णिपिन देखते हैं। िह दृढ़ता स  े
                                                    ं
                                                रु
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                                                                                                                                                                                                                                                        कहते हैं, “लोग कहते हैं, प्रणतष्ा खरीदी नहीं जा सकती, इसे अणज्मत करना पड़ता है।
                             हुए उनहोंने राज् के रीणत-ररिाजों और संसकणत को सहजता से अपना
                                                           कृ
                                   रु
                             णल्ा। खद को गि्म से णबहार का मयूल णनिासी बताने िाले णबज् ्ाद                                                                                                                                                               टाटा सटील और कई अन् एजेंणस्ों ने हमारी कंपनी को उनके ्ोगदान के णलए सराहा
                                                                                                                                                                                                                                                        है। हमने बैकथपर में एक सटटॉक्ाड्ड खरीदा था, णजसका उद्ाटन 2011 में टाटा सटील
                                                                                                                                                                                                                                                                   रु
                                                                 रु
                             करते हैं, “1890 में मेरे परदादा िगिान दास णकशोरपरर्ा णबहार के                                                                                                                                                              णलणमटेड के ततकालीन प्रबि णनदेशक एचएम नेरुरकर ने णक्ा था।”
                                                                                                                                                                                                                                                                          ं
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                             िागलपर में णशफट हो गए और सटील ट्ेणडंग में अपनी णकसमत आजमाई।
                             उनके उत्तराणिकारर्ों ने िी इसका अनरुसरि णक्ा।”
                                                                                                                                                                                                                                                          बरुणन्ादी ढांचे के नाम पर जब णबहार में कुछ नहीं था, तब णकशोरपरुरर्ा ्हां आए,
                                                                                                                                                                                                                                                        रुके और सफलता हाणसल की। आतमणिश्ास से िरे हुए णबज् कहते हैं, “लोग णमलत  े
                               णबज् का जनम और पालन-पोषि एक पारंपररक मारिाड़ी पररिार
                                                                    रु
                             में हुआ। सककूल पास करने के बाद, उनहोंने 1971 में िागलपर के मारिाड़ी                                                                                                                                                        गए और कारिां बनता ग्ा...। हमने साल दर साल णबहार के बरुणन्ादी ढांचे को आकार
                                                                                                                                                                                                                                                                      यू
                                                                                                                                                                                                                                                        णद्ा और इसे मजबत बना्ा। हमने हमेशा अपने ग्ाहकों और णहतिारकों की परिाह
                             कटॉलेज से बी.कटॉम णक्ा। 1985 में िे पटना चले गए और सटील का
                                                                                                                                                                                                                                                                    े
                             व्ापार शरुरू णक्ा।                                                                                                                                                    “सबसे महतवपूर्ण बा्त जो आप                           की और एक उद्श् के साथ काम में णिश्ास णक्ा।”
                                                                                                                                                                                                                                                          णनणतन बताते हैं, “णफलहाल पापा, अणखल िारती् मारिाड़ी फाउंडेशन के उपाध्क्
                                                                                                                                                                                                 कर सक्ते है, वह है अपने बच्ों के                       हैं और फ्रेंडस ऑफ ट्ाइबल सोसाइटी और एकलव् फाउंडेशन जैसे गैर-सरकारी
                                                                                                                                                                                                                                                                                                           ं
                                                                                                                                                                                                 सामने अच्ा उदाहरर पेश करना।                            संगठनों से जरुड़े हैं। आध्ासतमक व्सति होने के नाते, 1993 से िे पटना के गािी मैदान में
                                                                                                                                                                                                                                                        िाणम्मक प्रिचनों का आ्ोजन करा रहे हैं।”
                                                                                                                                                                                                    आप उनके साथ कैसा वयवहार
                                                                                                                                                                                                                                                          ्ह कहना अणतश्ोसति नहीं होगी णक व्सत णदन में णबज् णकशोरपरुरर्ा स  े
                                                                                                                                                                                                    कर्ते हैं यह देखकर वे सीख्ते                        मलाकात करना लगिग असिि है। काम के प्रणत जरुननी णबज् किी-किी थक जात  े
                                                                                                                                                                                                                                                         रु
                                                                                                                                                                                                                                                                                            यू
                                                                                                                                                                                                                                                                           ं
                                                                                                                                                                                                                                                                                        े
                                                                                                                                                                                                                                                        हैं लणकन पतनी सणबता का अटूट समथ्मन उनहें प्ररिा देता रहता है। सणबता बताती
                                                                                                                                                                                                                                                           े
                                                                                                                                                                                                  हैं। वे देख्ते हैं चक आप दूसरों के                    हैं, “अपनी शादी के बाद से ही मैं उनहें अनशाणसत जीिन जीते देख रही ह। िे 7 बज  े
                                                                                                                                                                                                                                                                                     रु
                                                                                                                                                                                                                                                                                                          ं
                                                                                                                                                                                                                                                                                         रु
                                                                                                                                                                                                                                                         रु
                                                                                                                                                                                                                                                        सबह उठते हैं और रात 8 तक सो जाते हैं। परनत ्णद मध् राणत्र में िी कोई फोन
                                                                                                                                                                                                  साथ कैसे वयवहार कर रहे हैं और                         करता है तो उस िक़त िी फोन करने िाले व्सति को उत्तर अिश् णमलता है | उनह  ें
                                                                                                                                                                                                                                                             े
                                                                                                                                                                                                                                                        सादा लणकन पौसटिक खाना पसंद है। िह हमेशा मरुझसे अपने कपड़े चरुनने के णलए कहत  े
                                                                                                                                                                                                  चवचभन्न पररससथच्तयों में आप कया                       हैं। उनका सििाि िी बहुत मजाणक्ा है।” िे णकसी को न नहीं करते और हमेशा ्ह
                                                                                                                                                                                                 कर्ते हैं। ठीक हमारे मा्ता-चप्ता ने                    कोणशश करते हैं णक उनके पास से कोई णनराश होकर ना जाए।
                                                                                                                                                                                                    ऐसा चकया, जब हम बच्े थे।”                             घर पर णबज् णबलकुल अलग व्सति होते हैं। पाररिाररक व्सति जो अपने पोतों
                                                                                                                                                                                                                                                        णशिांश और णिश्रुत के साथ सम् णबताना पसंद करता है। तीनों णमलकर टीिी पर
                                                                                                                                                                                                                                                        अपना पसंदीदा का््मक्म, ‘तारक मेहता का उ्लटा चशमा’ देखते हैं। सम्-सम् पर ि  े
                                                                                                                                                                                                                                                                                               यू
                                                                                                                                                                                                                                                        उनहें गणित का पाठ िी पढ़ाते हैं और उनके साथ बाहर घमने िी जाते हैं। O
                       74    बिजय बिशोरपुररया                                                                                                                                                                                                                                                    बिजय बिशोरपुररया  75
   70   71   72   73   74   75   76   77   78   79   80