Page 71 - CTB Hi resolution visioneries of bihar pdf
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कोलकता की प्रबसद्ध कलीम ग्प ऑि कंपनीज के चैयरमेन बिरदौस कलीम, करती हैं। कोलकाता की जमीन पर कलीम सिायर, कलीम िो््ट, कलीम एंकर, ग्ीन बिरदौस और बनशात कलीम के तीन िच्ों में िडटे ओवैस कलीम कोलकता के माने शायर मरहूम राहत इदौरी साहि के करीबियों में रहटे हैं। राहत इदौरी कहा करते
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कलीम इुंफ्ास्क्र प्राइव् बलबम्टेड, कलीम एस्टे् प्राइव् बलबम्टेड, कलीम वुड नेस् और कलीम अ््टेयर जैसे कई िेहतरीन प्रोजेक्टस का बनमा्घण करने वाली एबम्ी यूबनवबस्घ्ी के छात्र हैं तो दूसर पुत्र अजहान कलीम भी िडटे भाई के साथ इसी थे बक बहुंदुसतान में शेरो-शायरी बजन चंद लोगों की वजह से बज़ंदा है उनमें एक नाम
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गलोिल कमबश्घयल मो्र प्राइव् बलबम्टेड और कलीम डटेवेलपस्घ इुंबडया बलबम्टेड कलीम ग्प ऑि कंपनीज का नाम आज पलचिम िंगाल की चंद प्रमुख कंपबनयों में यूबनवबस्घ्ी में पढ़ते हैं। बिरदौस और बनशात कलीम के छो्टे साहिज़ादे मोइरा सट्ी् बिरदौस कलीम का भी है। इनकी िदौलत देश के कई शायरों को मंच बमला। राहत
के न केवल प्रिंध बनदेशक हैं िल्क लेदर बनमा्घण की प्रमुख कंपनी हबसंग ब्रदस्घ शुमार है जो कहीं न कहीं उनकी बिहारी प्रबतभा को दशा्घता है। लसथत बिरला हाई सककूल के छात्र हैं और हाल ही में खुद के द्ारा तैयार बकए गए एक इदौरी का नाम आते ही बिरदौस कलीम भावुक होकर कहते हैं बक करोना ने हमसे
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्टेनरी और फलाई ऐश बब्रकस बनमा्घण की प्रमुख ‘बब्रकस ऐंड बललॉकस मैनयुिैक्चरर’ ऐप को लेकर कािी चचा्घ में हैं। राहत साहि को छीन बलया लेबकन उनके साथ जुडी कई यादें ऐसी हैं, जो मुझसे
कंपनी में पा््टनर भी हैं। अक्ूिर 1973 को बिहार के गया में जनम बिरदौस कलीम की प्रारुंबभक बशक्ा कभी कोई अलग नहीं कर सकता। भारत की आजादी के 75 वें साल पर कोलकता में
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और आगे की पढ़ाई कोलकता से ही हई। करीि 17 साल की उम् से ही बिरदौस इुंलगलश, बहुंदी, उदू्घ और िांगला भाषा के जानकार और िु्िलॉल के िेहतरीन जशन-ए-आजादी, एक शाम फ्ीडम िाइ्र के नाम काय्घरिम का आयोजन बकया गया
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मबस्घडीज, ऑडी, िीएमडब्यू, पोश्घ जैसी गाबडयों के अलावा हालले डटेबवडसन कलीम अपने बपता को उनके कारोिार में सहयोग करने लगे और आगे चलकर बखलाडी बिरदौस कलीम की खेलों के प्रबत दीवानगी का अंदाजा इस िात था, बजसमें बिरदौस कलीम गेस् ऑि ऑनर के तौर पर मौजूद रह।
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और सुजुकी की हायािुसा िाइकों के शौकीन बिरदौस कलीम ने अपनी सूझिूझ इनके कारोिार ने िैबमली बिजनेस का रूप ले बलया। अक्ूिर 1998 में बिरदौस से लगाया जा सकता है बक उनहोंने कलीम ग्प की तरि से अि तक सैकडों
और िेहतर वयापार प्रिंधन के दम पर पलचिम िंगाल के ररयल एस्टे् कारोिार में कलीम का बनकाह प्ना के दानापुर की बनवासी बनशात कलीम के साथ कोलकता िु्िलॉल और बरिके् ्ूना्घमें् का सिल आयोजन बकया है। इन आयोजनों के हर शुरिवार को जुमे की नमाज़ के बदन बिरदौस कलीम िेसहारा और गरीि
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अपना जो साम्ाजय सथाबपत बकया है, वो अद्त और िबमसाल है। 70 के दशक में में संपन्न हआ और आज बनशात की बगनती कोलकाता के प्रबसद्ध समाजसबवयों में जररए अि तक कई बखलाडी अचछा प्रदश्घन कर चुके हैं। जानकार िताते हैं बक लोगों के िीच नकद और राहत सामग्ी का बवतरण करते हैं। ऐसा कर वे अपने
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बिहार के जहानािाद से बनकलकर कोलकता में अपनी िादशाहत कायम करने वाले की जाती है। पप्घल िाउुंडटेशन के जररए समाज में हाबशए पर खडटे गरीि, िेसहारा खेलों के अलावा बिरदौस कलीम ने बलट्टेसी अवेयरनेस पर भी कई कलॉनफ्रेंस मरहूम वाबलद द्ारा शुरू की गई उस परपरा को आगे िढ़ा रह हैं, जो जरूरतमंदों के
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कलीम पररवार के शूनय से बशखर तक की कहानी बि्म बनमा्घण की प्रेरणा देती है। लोगों को उनहोंने हर संभव मदद पहुंचाई। िातचीत के दौरान बनशात कलीम कहती सिलतापव्घक आयोबजत की हैं और उनका माना है बक खेलों में केवल अचछा िार में सोचना बसखाती है। बिरदौस और उनके भाइयों ने कोरोना की पहली और
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ररयल एस्टे् आईकलॉन अवलॉड्ट, बिजनेसमैन ऑि द ईयर और ररयल एस्टे् एकसेलेंस हैं बक हमने पप्घल िाउुंडटेशन के जररए गरीि और िीमार लोगों की मदद का िीडा प्रदश्घन ही कािी नहीं है, इसके साथ बशबक्त होना भी इुंसान के बलए िेहद दूसरी लहर के दौरान भी गरीिों-िेसहारा लोगों की िहत मदद की थी। उन लोगों ने
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अवलॉड्ट से सममाबनत बिरदौस कलीम के कोलकाता के ररपन सट्ी् लसथत आवास उठाया है, बजससे जरूरमंदों को सही वक़त पर हलॉलसप्ल में भतगी कराया जा सके महतवपण्घ है। करीि 50 लाख रुपये की राबश से राहत सामग्ी खरीदी थी। यह राहत सामग्ी उन
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और कलीम ग्प ऑि कंपनीज के रिी अहमद बकदवई रोड लसथत शानदार ऑबिस और उनहें इलाज बमल सके। िच्ों की बशक्ा और मबहलाओं के रोजगार को धयान ‘सरपरसत’ बलट्सी अवेयरनेस मूवमें् के िैनर तले कई कलॉनफ्रेंस को सिलता लोगों ने जरूरतमंदों तक पहुंचाकर बजस इसाबनयत का पररचय बदया है वह काबिले-
और वहां लगे कई पूव्घ और वत्घमान प्रोजेक्टस की तसवीरें खुद में कई कहाबनयां ियां में रखकर उनके बलए िाउुंडटेशन की तरि से बसलाई क्ास की भी वयवसथा है। पूव्घक अंजाम दे चुके बिरदौस शेरो- शायरी के िेहद शौक़ीन हैं और भारत के जाने तारीफ़ है। O
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