Page 107 - CTB Hi resolution visioneries of bihar pdf
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चीि में करोररोिा ्फैलिे के िाद डॉ. बवजयेि वापस भारत आ गए और                                                                                                                                                                  के साथ ्फरवरी 2021 में बवजयेि कुमार ऐंड संस िाम से एक कंपिी की सथापिा की
                       मुजफ्फरपुर में ही रहकर छात्ों करो ऑिलाइि पढ़ाते रहे। करोबवड की दूसरी लहर में                                                                                                                                                      और हॉससपटल बिमासि्ण का काम िुरू बकया। जुलाई 2021 में मलटीसपेिबलटी हॉससपटल
                       हुई मौतों और असपताल में िेड की कबमयों के िीच ििे हालात िे बवजयेि करो कुछ                                                                                                                                                         के रूप में परािर हॉससपटल की िुरुआत हुई। 42 तजुिबेकार डॉकटससि की टीम, 50
                                    े
                       अलग करिे करो प्ररत बकया। का्फी सरोच-बवचार कर बवजयेि िे मुजफ्फरपुर के                                                                                                                                                             िेड, 6 आईसीयू, 5 एिआईसीयू, 9 प्ाइवेट कमरों और जिरल वॉड्डस के साथ इस
                       खादी भंडार चौक पर परािर हॉससपटल िाम से एक मलटीसपेिबलटी हॉससपटल की                                                                                                                                                                असपातल की िुरुआत मुजफ्फरपुर के लरोगों के प्बत डॉ. बवजयेि के बदल में मौजूद
                       िुरुआत की, बजसका उद्ाटि मुजफ्फरपुर के सथािीय बवधायक बवजेंद्र चौधरी िे 4                                                                                                                                                          पयार करो दिासिता है।
                       जुलाई 2021 करो बकया।
                                                                                                                                                                                                                                                          डॉ. बवजयेि की पतिी और एल एि बमश्ा कॉलेज ऑ्फ बिजिेस मैिेजमेंट
                          1 माचसि 1971 करो मुजफ्फरपुर बजले के बसलौत वासुदेव गांव में जनमे बवजयेि के                                                                                                                                                     मुजफ्फरपुर से एमिीए सीमा कुमारी अपिी कंपिी और असपताल की ि केवल
                                                             े
                       बपता राम बविरोद िमासि मुजफ्फरपुर के रतवारा ससथत िबसक सककूल में हेडमासटर                                                                                                                                                          बिदेिक हैं िसलक एचआर का सारा काम भी इनहीं के बजममे है। अपिे 11 वर्षीय पुत्
                                                      ं
                       थे। 5 िहिें और एक भाई में बवजयेि 5 वें ििर पर हैं। बवजयेि की प्ारंबभक बिक्ा                                                                                                                                                      बसद्धाथसि परािर और 6 साल के पुत् एकलवय परािर करो बमल रहे अचछे संसकारों के
                       मधय बवद्ालय बतलरोथ से हुई और इस बवद्ालय में बवजयेि 7 वीं कक्ा तक पढ़े।                                                                                                                                                            पीछे सथािीय लरोग डॉ.बवजयेि और सीमा द्ारा बकए जािे वाले समाज सेवा करो भी
                       आठवीं कक्ा में इिका िामांकि मुजफ्फरपुर बजले के मबियारी ससथत मिीराम                                                                                                                                                               मािते हैं। डॉ. बवजयेि िे अपिी मां िैल कुमारी िमासि के िाम पर कुछ साल पहले
                       श्ीकृष्ण उच्च बवद्ालय में हुआ। िौवीं और दसवीं की पढ़ाई बजला सककूल से करिे                                                                                                                                                         िैल ्फाउंडेिि की सथापिा की थी और यह संगठि पूरी तरह बिक्ा पर ही काम
                                                                                                                                                                                                                                                                                     ृ
                       के िाद साल 1991 में बवजयेि िे मैबरिक की परीक्ा पास की। 1993 में मुजफ्फरपुर                                                                                                                                                       करता है। मधय बवद्ालय, बतलरोथ से सेवािबवत हरो चुकीं डॉ. बवजयेि की मां िैल
                                                                                        ू
                                                                                                                            े
                                                                                                                                   े
                                                                                                                                              े
                       के डॉ. जगन्ाथ बमश्ा कॉलेज से आईएससी की परीक्ा पास करिे के िाद 1996 में   यबिवबससिटी में जुलाई 2011 तक कायसिरत रहे। िदलत समय क साथ डॉ. बवजयि क  े                 कॉलेज ऑ्फ इंटरिेििल बिजिेस डाबलयि, चीि में छात्ों करो                              कुमारी िमासि की इचछा थी बक इस संगठि के द्ारा गरीि
                                                                                                           े
                       बवजयेि िे  आर.डी.एस कॉलेज से िी.कॉम बकया। 1996 -98 में बिहार यूबिवबससिटी से   पढ़ाए छात्ों के िीच डॉ.बवजयि की ही चचासि हरोती थी। उिके पढ़ािे के तौर तरीकों के      पढ़ािे लगे।                                                                         िच्चों की बिक्ा और उिकी सकॉलरबिप पर काम हरो।
                                                                                                                                   टू
                       एम.कॉम बकया। पढ़ाई में गहरी रुबच रखिे वाले बवजयेि िे 1997-2000 में मुजफ्फरपुर   कार्ण उिकी लरोकबप्यता तेजी से िढ़िे लगी और 2011 के अकटिर महीिे में सऊदी                                                                                               दरोिों पबत-पतिी िखूिी इस संगठि के उद्शय करो आगे
                                                                                                                                                                                                                                                                                                         े
                                                                                                         ू
                       के एसकेजे लॉ कॉलेज से एलएलिी की पढ़ाई पूरी की और साल 2004 में बिहार   अरि के प्बसद्ध जजाि यबिवबससिटी से उनहे एसरोबसएट प्रो्फेसर के रूप में ऑ्फर बमला,               साल 2019 के बदसंिर में अवकाि लेकर डॉ. बवजयेि                                    िढ़ा रहे हैं।
                                                                                                  े
                       यूबिवबससिटी से पीएचडी की।                                       बजसे डॉ. बवजयि िे सवीकार कर बलया। ब्फर वे इसी बवश्वबवद्ालय में अगसत 2013                         भारत आ गए और मुजफ्फरपुर में रहकर कॉलेज के छात्ों करो
                                                                                       तक रहे। इसी साल डॉ. बवजयि करो ओमाि के िुराबम यबिवबससिटी से अचछा ऑ्फर                             ऑिलाइि पढ़ािे लगे। इस िीच वुहाि से करोररोिा ्फैलिे की                                हवासा यूबिवबससिटी और रॉयल कॉलेज ऑ्फ भूटाि से
                                                                                                                              ू
                                                                                                            े
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                                                                                                                                   ू
                          िौकरी की तलाि में बवजयि भूटाि पहुंचे और 2005 में रॉयल यबिवबससिटी ऑ्फ   आया और डॉ. बवजयि सऊदी छरोड़कर ओमाि पहुंचे और इस यबिवबससिटी में अपिा                     खिर के िाद डॉ. बवजयेि चीि िहीं लौट सके।                                           कई िार सममाबित हरो चुके डॉ.बवजयेि की यरोगयता, संघर्सि
                                             े
                                                                       ू
                                                                                                         े
                                                  ू
                       भूटाि में अपिा यरोगदाि बदया। इस यबिवबससिटी में ितौर वरीय लेक्चरर 2009   यरोगदाि बदया। डॉ. बवजयि जिवरी 2019 तक इस बवश्वबवद्ालय में रहे और ब्फर इसी                  करोररोिा से हुई मौतों की घटिाओं से डॉ. बवजयेि िहुत                              और स्फलता की यह बदलचसप कहािी ि केवल बिहार
                                                                                                                                   ू
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                       तक काम बकया। साल 2009 के बदसिर महीिे में डॉ. बवजयि करो इथरोबपया के   साल अगसत महीिे में चीि चले आए और चीि के म्फरोरी सटेट यबिवबससिटी में ितौर                    आहत हुए और बवदेि में लंिा वक्त बितािे वाले डॉ. कुमार िे                           िसलक देि के युवाओं के बलए एक सीख है बक करोबिि
                                                                                                                              ू
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                       हवासा यबिवबससिटी से ऑ्फर बमला बजसे डॉ. बवजयि िे सवीकार बकया और इस   प्रो्फेसर (एकाउंबटंग ऐंड ्फाइिेंस ) ज्ाइि बकया। इसी यबिवबससिटी एलएमयू एमएसय  ू               मुजफ्फरपुर के लरोगों के बलए कुछ करिे का ठािा। इसी सरोच                           करिे वालों की कभी हार िहीं हरोती। O
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                       106   डॉ. (प्रो) विजयेश कुमार                                                                                                                                                                                                                                          डॉ. (प्रो) विजयेश कुमार  107
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