बिहार के वैशाली जिले के मूल निवासी ई.रबिन्द्र सिंह की कहानी आम लोगों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं! अगस्त 1967 को वैशाली जिले के महनार में जन्मे रबिन्द्र की शिक्षा आसाम के गुवाहाटी से हुई! ई. बनने के पश्चात रबिन्द्र को भारतीय वायु सेना, इंडियन आयल कॉर्पोरेशन और कॉलेजों में लेक्चरर बनने के ऑफर मिले जिसे उन्होंने ठुकरा दिया क्योकि वो कुछ अलग और बड़ा करना चाहते थे! उस दौर में रबिन्द्र ने टॉफेल और जी.आर.ई की परीक्षा भी पास की और कनाडा यूनिवर्सिटी से दाखिले का ऑफर आया लेकिन वित्तीय हालात ठीक न होने के कारण रबिन्द्र उच्च शिक्षा हासिल करने विदेश न जा सके!
मेघावी छात्र के रूप में पहचान रखने वाले रबिन्द्र ने दिल्ली का रुख किया और सिविल सर्विस की तैयारी आरम्भ की और संघ लोक सेवा आयोग द्धारा आयोजित प्रिलिम्स की परीक्षा में सफल हुए लेकिन ट्रांसपोर्ट के व्यवसाय में कदम रख देने के कारण इनकी आगे की पढ़ाई पूरी न हो सकी! आगे आने वाले कुछ ही सालों में रबिन्द्र सिंह ट्रांसपोर्ट के व्यवसाय का एक बड़ा चेहरा बन कर उभरा और फिर देखते ही देखते इनके व्यवसाय ने उधोग का रूप ले लिया! ई. रबिन्द्र सिंह हाजीपुर स्थित ओवल एग्रोटेक इंडस्ट्रीज के चेयरमेन है और बिहार के उधोग जगत में इनकी अपनी एक अलग पहचान है