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िातिीत के दौरान डॉ. बदवयाांशु शमामा कहते हैं, “बशक्ा, ्र्ा््थय एर् कृबि हमारे जरूरतमदों की मुफत बिबकत्सा और बनशु्क परामशमा देने र्ाले डॉ. शमामा, कोबर्ड
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ट्र््ट की प्राथिबमकताओं में शुमार है और मेरा मानना है बक इन तीनों ही ्सेक्टर में के बदनों में मा्क, ्सैन्टाइजर, कंिल, अनाज, कपड़े और कॉपी-बकतािों के बनश्क
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काम करने की िेहद जरूरत है।” मबहलाओं पर पूछे गए एक ्सर्ाल के जर्ाि में बर्तरण में वय्त रहे और अपनी जान की परर्ाह न करते हुए लोगों के ्साथि
डॉ. शमामा कहते हैं बक मबहलाओं की बशक्ा को धयान में रखकर हमने कई वयापक खड़े बदखे। बजले के 200 ्से अबधक बिबकत्सकों के ्सपो्टटि के ्साथि ्सफलतापर्माक
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कदम उठाए हैं, इ्सके अलार्ा ब्सलाई, कढ़ाई, ्सौंदयमा, बडबज्टल या कंपयू्टर बशक्ा ्सांिाबलत मीणा फाउंडेशन ्से मदद की आ्स रखने र्ाले लोगों के बलए इन ्सभी
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पर हमारा बर्शि फोक्स है। मीणा फाउंडेशन ्से जड़ी मबहलाओं को हमारी ्सां्थिा बिबकत्सकों ने 50 फी्सदी तक की बर्शि छू्ट के ्साथि
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न केर्ल मुफत ट्रेबनग देती है िस्क ्सां्थिा द्ारा ्सभी को ्सब्टटिबफके्ट इलाज की वयर््थिा ्सबनसचित की है ताबक प्सों के आभार्
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भी प्रदान बकया जाता है। मीणा फाउंडेशन की मबहला में कोई गरीि इलाज ्से र्ांबित न रह जाए। डॉ. बदवयाांश ु
अधयक् ्सबर्ता कुमारी कहती हैं बक मबहलाओं ्से ्सांिांबधत द्ारा ्सांिाबलत ग्ाम ्सर्ा योजना के अतगमात बशक्ा,
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बजतने भी प्रकार के कायमा ्सां्थिा द्ारा ्सांिाबलत हैं उन ्सभी ्र्ा््थय, कृबि, बनश्क मबहला प्रबशक्ण, कनया जनम एर् ां
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की देखरेख मेरे ही बजमम है ताबक मबहलाएां बन्सकोि अपनी कनया बर्र्ाह योजना के तहत ्सांिांबधत लोगों को लाभ भी
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िातों को हमारे ्समक् रख ्सकें और उनकी ्सम्याओं का बदया जाता है।
तर्ररत बनषपादन भी बकया जा ्सके। ्थिानीय लोग िताते हैं
बक कोरोना की पहली और द्सरी लहर के दौरान डॉ. बदवयाांश ु बिहार ्से प्रकाबशत एक प्रमुख बहंदी दबनक द्ारा
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और उनकी ्टीम ने मानर् ्सेर्ा का अद्त उदाहरण पेश बकया बिहार गौरर् अर्ॉडटि और आरोगय ग्प द्ारा बिबकत्सा
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है। आम बदनों में बजले की पांिायतों में बिबकत्सा कैंप लगाकर गौरर् अर्ॉडटि ्से ्सममाबनत डॉ. बदवयाांशु शमामा कहत े
हैं बक हमने अपने बिबकत्सालय को नया रूप बदया है ताबक मरीजों के प्सद की
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बिबकत्सा पद्धबत द्ारा उनका ्समबित इलाज बकया जा ्सके। आयुर्वेद में मेरे
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्सहयोगी डॉ. आर. के. राणा हैं, तो एक्ाप्रशर और एक्ापांिर में डॉ. अश्वनी कुमार
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इ्सके अलार्ा निुरोपथिी बर्बध द्ारा इलाज डॉ. तेज्स कुमार कर रहे हैं। एक
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्सर्ाल के जर्ाि में डॉ. शमामा िताते हैं बक उपरोक्त तीनों बर्बधयों ्से हम मरीजों
का ्सफलतापर्माक इलाज कई र्िषों ्से करते आ रहे हैं। हमारे तीनों ्सहयोबगयों की
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कड़ी मेहनत और अनुभर् की िदौलत हम मरीजों की उममीदों पर खरा उतरने में
्सफल भी रहे हैं।
जुलाई 1984 को बिहार के भागलपुर बजले के कहलगाांर् में
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जनम डॉ. बदवयाांशु शमामा की प्रारंबभक बशक्ा कहलगाांर् के
कॉनर्ें्ट ्ककूल ्से हुई और आगे की पढ़ाई के बलए बदवयाांश ु
ने कहलगाांर् के गणपत ब्सह हाई ्ककूल में दाबखला
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बलया और इ्सी बर्द्ालय ्से ्साल 2000 में मबट्रक की
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परीक्ा पा्स की। 2002 में बिहारशरीफ ्से आईए्स्सी
की पढ़ाई पूरी करने र्ाले शमामा ने ्साल 2007 में मगध
यबनर्ब्समा्टी ्से िीए्स्सी बकया और उच्च बशक्ा हाब्सल है और बिबकत्सा जगत में हो रहे हर पल िदलार् की
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करने पर बर्िार करने लगे। बदवयाांशु के बपता और जानकारी बक्सी भी बिबकत्सक के बलए िेहद जरूरी है और
पेशे ्से वयर््सायी बत्रभर्न प्र्साद शमामा िाहते थिे बक इनहीं िातों को धयान में रखकर 2021 में मैंने राज्थिान के
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उनका पुत्र बदवयाांशु बिबकत्सक िन मरीजों की ्सेर्ा जयपुर स्थित एक्ाप्रशर ऐड एकयपांिर अ््टरनब्टर् मबडब्सन
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करें। बपता की इ्स िाहत ने बदवयाांशु को रा्ता बदखाया इंस््टट्ू्ट ्से एमडीडीएन की बडग्ी भी हाब्सल की।
और ्साल 2012 में छत्ी्सगढ़ स्थित ्सीजी हे्थि यबनर्ब्समा्टी
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्से बदवयाांशु ने िीएएमए्स की बडग्ी हाब्सल की। आयुर्वेद और आईए्सओ ्सब्टटिफाइड मीणा फाउंडेशन की र्ि्साइ्ट
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निुरोपथिी ्से बिबकत्सा के बलए पूरे बजले में बर्खयात डॉ. बदवयाांश ु www.mfoundation.in के अर्लोकन ्से पता लगता है बक डॉ. बदवयाांश ु
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शमामा ने ्साल 2017 में इं्टरनेशनल िोडटि ऑफ अ््टरनब्टर् मबडब्सन ऐांड शमामा के नेतृतर् में मीणा फाउंडेशन ्सुकनया ्समबद्ध योजना, मीणा फाउंडेशन
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निुरोपथिी ्से ्सांिद्ध बिहार एक्ाप्रशर योगा कॉलेज, प्टना ्से एमडीडीए का कौशल बर्का्स योजना, मीणा फाउंडेशन र्ीमेन हे्थि प्रोजेकशन प्रोजेक्ट और मीणा
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को्समा बकया और इ्सके तीन ्सालों िाद र्िमा 2020 में बदल्ी के अबखल भारतीय फाउंडेशन ऑगमाबनक फाबमिंग बज्स प्रकार काम कर रही है उ्स्से आने र्ालों र्िषों में
बिबकत्सा पररिद् ्से डीएनर्ाईए्स की बडग्ी भी अपने नाम की। डॉ. बदवयाांशु शमामा न केर्ल भागलपुर िस्क बिहार के बर्का्स को भी एक नई बदशा बमलेगी और पूरे
कहते हैं बक बिबकत्सा ऐ्सा पेशा है बज्समे गहन अधययन का होना िेहद जरूरी राजय को डॉ. बदवयाांशु शमामा के बर्जन का लाभ बमलेगा। O
46 डॉ. दिव्यांशु शरय मा डॉ. दिव्यांशु शरय मा 47