Page 13 - CTB Hi resolution visioneries of bihar pdf
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डॉ. अर्चना सिंह





                                                                                                                                                                                                                            मानसिक रोगों के






                                                                                                                                                                                                                              िफल इलाज ने





                                                                                                                                                                                                                                 सिलाई पहचान








                                                                                                                                                                                                                                 वम्बर 1980 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में जनमी डॉ. अर्चना
                                                                                                                                                                                                                                   ससंह स्बहार की जानी-मानी न्यूरो साइकेसरिस्ट ्ानी मानससक
                                                                                                                                                                                                                         न रोग सवशेषज्ञ हैं। अपनी उच्च सशक्ा और सवष् पर गहन ररसर्च
                                                                                                                                                                                                                         की ्बदौलत उनहोंने स्बहार के सरसकतसा जगत में अपनी एक अलग पहरान
                                                                                                                                                                                                                          ्बनाई है। उत्तरप्रदेश के सुलतानपुर सजले के ब्ासहनपुर गांव के जमींदार

                                                                                                                                                                                                                          पररवार से ताल्क रखने वाली डॉ. अर्चना ससंह के सपता असिमन्ु ससंह
                                                                                                                                                                                                                                         ु
                                                                                                                                                                                                                                                                             यू
                                                                                                                                                                                                                           यू
                                                                                                                                                                                                                          ्को ्बैंक की वाराणसी शाखा के प्र्बंधक थे। कैंसर से जझते हुए अर्चना
                                                                                                                                                                                                                         के सपता का साल 2016 में सवग्चवास हो ग्ा। वाराणसी के प्रससद्ध कमच्ा
                                                                                                                                                                                                                                            यू
                                                                                                                                                                                                                            ससथत सेंरिल सहनद गलस्च सककूल से सशक्ा ग्रहण करने वाली अर्चना के
                                                                                                                                                                                                                                        ु
                                                                                                                                                                                                                           सपता असिमन् ससंह खुली सोर के व्सति थे और राहते थे सक उनकी
                                                                                                                                                                                                                          पुत्ी अर्चना पढ़-सलखकर समाज में खुद की अपनी अलग पहरान ्बनाए।
                                                                                                                                                                                                                                      ु
                                                                                                                                                                                                                           आउ्टलुक ग्रप के कंससल्टिंग एसोससए्ट एसड्टर सदनेश आनंद से सवशेष
                                                                                                                                                                                                                         ्बातरीत के दौरान डॉ. अर्चना कहती हैं सक मेरे सपता के साथ मुझे मेरी मा  ं
                                                                                                                                                                                                                                                                                े
                                                                                                                                                                                                                          सनम्चला ससंह से समले सह्ोग ने मुझे डॉक्टर ्बनने के सलए प्रररत सक्ा।
                                                                                                                                                                                                                                  आज मैं जो कु् िी हिं, मेरे माता-सपता की ्बदौलत हिं।









                       12    डॉ. अर्चना सिंह                                                                                                                                                                                                                                                       डॉ. अर्चना सिंह  13
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