Page 127 - CTB Hi resolution visioneries of bihar pdf
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                                      ु
                          कंसट्रकशन की िसन्ा में ्बािशाहत                                                        तरह ही िभी िसविाएं उ्पलबि होंगी लेसकन
                        का्म करने वाले िमरेंद्र सिंह आरंभ ि  े                                                   ‘ऑस्ब्सट’ कमसश्स्ल के अलावा रेसिडेंसश्ल भी
                        ही सशक्ा के ्पक्िर रहे हैं और स्बहार                                                      होगा सििमें, तीन, िाढ़े तीन और िाढ़े चार
                        के ्ुवाओं को ्बेहतर सशक्ा सिलाने के                                                       ्बीएचके तक के शानिार फलै्टि ग्ाहकों को
                        इरािे िे सिंह ने सवक्रमसशला एिुकेशनल                                                      सिए िा रहे हैं।
                        ऐंड वेलफे्र िोिाइटी का गठन सक्ा।
                                     ु
                                              े
                        इिके ्बैनर तले मंडेश्वरी कॉलि फॉर                                                            िमरेंद्र सिंह अ्पने छोटे ्पुत्र और
                                                                                                                    ु
                        टीचि्स एिुकेशन के अलावा िाल 2011                                                           मंडेश्वरी ग्ु्प के सनिेशक अमल सिंह की
                                              े
                        में इंटरनेशनल सककूल ऑफ मैनिमेंट                                                            ओर िेखते हैं और शेष िोनों प्ोिेक्टि
                        (आईएिएम) की भी शुरुआत की। िमरेंद्र                                                          की िानकारी िेने को कहते हैं। अमल
                        सिंह का ्ह किम स्बहार के सशक्ा िगत में                                                      सिंह अ्पने तीिरे प्ोिेकट ‘सक्रसटल’ ्पर
                        मील का ्पत्थर िास्बत हुआ।                                                                   चचा्स करते हुए कहते हैं सक ्ह 2 एकड़
                                                                                                                             ै
                                                                                                                    िमीन ्पर त्ार हो रहा है सििमें, एक
                                                                                                                             े
                          ्पटना के आसश्ाना िीघा रोड लस्थत                                                            लाख सकव्र फीट कमसश्स्ल स्पेि
                               डे
                        टेरेि गाडसन्ा, रू्पि्पुर ्थाने के ्पाि लस्थत                                                 के अलावा तीन एवं िाढ़े तीन ्बीएचके
                        ्बेली ग्ीनि, आर्पीएि इंिीसन्ररंग कॉलेि                                                       फलै्टि के असतररक्त िाढ़े तीन ्बीएचके
                        के नज़िीक सक्रिेंट और खगहौल रोड के                                                            का शानिार ्पेंटहाउि भी लोग ्बुक
                        सवि् सिंह ्प्थ में तै्ार ट्राइडेंट के अलावा                                                  करवा रहे हैं। ्पटना के खगहौल रोड में
                        मुिफफर्पुर के कलम्बाग चहौक में तोषानी                                                        12 एकड़ िमीन ्पर ्बन रहे अ्पने चहौ्थ  े
                        टॉवर और आरा का सवश्वना्थ काम्पलेकि                                                          ड्ीम प्ोिेकट ्पर चचा्स के िहौरान अमल
                        आसि मुंडेश्वरी ग्ु्प के िफलता की कहानी                                                      ्बताते हैं सक इि प्ोिेकट का नाम हमन  े
                        ्ब्ां करता है। िानकार ्बताते हैं सक िमरेंद्र                                                ‘मेगा्पोसलि’ रखा है िो िरारी में लस्थत
                                                                                                                                ं
                        सिंह ऐिे सविनरी हैं सिनहोंने 25 िाल आगे                                                     है। इिी िाल नव्बर में इिका उिघाटन
                        की कल्पना की और उिकी तै्ारर्ों में                                                         भी होना है। ‘मेगा्पोसलि’ में कुल 11 टॉवर
                                                                                                                             े
                        आि िे ही लग गए हैं। ्बातचीत के िहौरान                                                      होंगे और प्त्क टॉवर ग्ाउंड के अलावा 14                                                                                               च्रमैन िेवल सिंह ्बातचीत के क्रम में कहते हैं 10 अप्ैल 2011 को हमन  े
                                                                                                                                                                                                                                                         े
                                                                                                                    ं
                        मुंडेश्वरी स्बलडि्स ऐंड डेवेल्पि्स प्ा.सल और                                               मसिल का होगा।  इि ्पूरे प्ोिेकट में कुल                              रािेंद्र नगर, िेवहसल्ा लस्थत नवभारत हाई सककूल िे हुई और आगे की ्पढ़ाई के   इंटरनेशनल सककूल ऑफ मैनिमेंट ्ानी आईएिएम की शुरुआत की सििका
                                                                                                                                                                                                                                                                            े
                                                                                                                                    ै
                        मुंडेश्वरी मलटीकॉन प्ा.सल के प््बि सनिेशक                                                 1946 ्बेहतरीन फलै्टि त्ार होंगे। इिमें                                सलए िमरेंद्र ्पटना आ गए। ्पटना के न्ा टोला लस्थत ्पीएन एंगलो सककूल में िमरेंद्र   उद्ाटन स्बहार के मुख्मत्री नीतीश कुमार ने सक्ा। 2011 में हमने एम्बीए /
                                               ं
                                                                                                                                                                                                                                                                          ं
                                                                                                                                                                                                                               ै
                                                                                                                                          ु
                        िमरेंद्र सिंह कहते हैं सक इि वक्त हमारी                                                   रहने वाले हिारों ्पररवारों की िसविाओं को                              ने िासखला सल्ा और इिी सवद्ाल् िे िाल 1975 में मसट्रक की ्परीक्ा ्पाि की।   ्पीिीडीएम कोि्स की शुरुआत की और 2013 आते ही हमने ्बी्बीए और ्बीिीए की
                                                                                                                                                                                                                  े
                        कं्पनी अ्पने 4 ड्ीम प्ोिेक्टि ्पर काम                                                     ध्ान में रखकर हमने इिके कैं्पि में सककूल                              1977 में ्पटना के स्बहार नेशनल कॉलि िे आईएििी की ्परीक्ा ्पाि करने के   ्पढ़ाई भी शुरू कर िी। कुछ िाल ्पहले मंडेश्वरी कॉलेि फॉर टीचि्स ट्रेसनंग ्ानी
                                                                                                                                                                                                                                                                                     ु
                                                                                                                                                                                                                     ू
                        कर रही है सििे आने वाले 3 िे 4 िालों                                                      और हॉलस्पटल के सनमा्सण का भी लक्् रखा                                 उ्परानत िमरेंद्र ने मध् प्िेश के िागर ्सनवसि्सटी का रुख सक्ा और 1980 में   एमिीटीई द्ारा एक ्बीएड कॉलि की भी शुरुआत हुई और इिी िाल िो और
                                                                                                                                                                                                                                                                               े
                        में ्पूरा करने का लक्् रखा ग्ा है। ्पटना                                                 है। इिके अलावा ‘मेगा्पोसलि’ में ्बच्ों की                              स्ातक की सडग्ी हासिल की। वष्स 1980-82 में िमरेंद्र ने ि्बल्पुर ्ूसनवसि्सटी में   कोिडेि ्बेचलर ऑफ माि कम्ुसनकेशन ्ानी ्बीएमिी / ्बीकॉम प्ोफेशनल का
                                                                                                                                      े
                        के खगहौल रोड ्पर 3 एकड़ िमीन ्पर ्बन                                                       ्पढ़ाई के सलए कोसचंग क्ािि और िभी                                      िासखला सल्ा और इिी सवश्वसविाल् िे एमए सक्ा और वा्पि ्पटना आ गए।   कोि्स भी शुरू सक्ा िाना है। आि हमारे िोनों िंस्थानों में ्पढ़ रहे छात्र-छात्राओं
                        रहा  ‘ि हैररटेि’ राष्टी् और अंतरराष्टी्                                                   प्कार के इंडोर और आउटडोर खेलों के                                                                                                     की कुल िंख्ा करी्ब िो हिार के आि्पाि है और इिका श्े् हमारे िंस्थान के
                                                                                                                                                                                                                                        ं
                        बांडि की महौिूिगी एवं आईनॉकि के 6                                                         अलावा क््ब हाउि और वररष्ठ नागररकों                                      मुंडेश्वरी ग्ु्प की स्था्पना के िवाल ्पर आउटलुक ग्ु्प के कंिललटग एिोसिएट   िफल छात्रों के अलावा हमारे असिकारर्ों, कम्सचारर्ों और सशक्कों को िाता है
                                                                                                                          ू
                        सक्रीन वाले मलटी्पलेकि के िा्थ स्बहार                                                      के सलए ख्बिूरत गाड्टन की भी व्वस्था                                  एसडटर सिनेश आनंि िे हुई सवशेष ्बातचीत में िमरेंद्र सिंह कहते हैं सक काफी िाल   सिनके, माग्सिश्सन की ्बिहौलत हमारे िंस्थान की गररमा ्बढ़ी है। सशक्ा िगत के
                                           ु
                        का ि्बिे ्बड़ा और अत्ािसनक शॉस्पंग                                                          होगी। अमल कहते हैं सक आने वाले िम्                                   ्पहले सकिी स्बलडर िे मैंने एक फलैट अ्पने रहने सलए खरीिा ्था सििका भुगतान   िानकार ्बताते हैं सक 3 एकड़ में फैले इंटरनेशनल सककूल ऑफ मैनेिमेंट के समाट्ट
                                                                                                                                                                                               ं
                                                                                                                                                                                              ं
                        मॉल होगा | इि सवशाल और भव् प्ोिेकट                                                         में मेगा्पोसलि की ति्स ्पर 3 और नए                                   भी मैंने ि्बसित स्बलडर को कर सि्ा ्था। लेसकन ्बाि में मुझे ्ह ्पता लगा की उक्त   कैं्पि में छात्र-छात्राओं की िुसविाओं को ध्ान में रखकर हॉसटल के अलावा वाई-
                        को ्पासकिंग के दृलटिकोण िे खाि तहौर ्पर                                                    प्ोिेक्टि को भी शुरू करने का हमने लक््                               स्बलडर द्ारा मेरे उि फलैट को सकिी और के हा्थों ्बेच सि्ा ग्ा है। इि घटना िे   फाई और समाट्ट क्ाि की िभी िुसविाएं महौिि हैं। िेवल सिंह कहते हैं सक अचछी
                                                                                                                                                                                                                                                                                         ू
                        सडिाइन सक्ा ग्ा है। ड्बल ्बिमेंट ्पासकिंग                                                   रखा है तासक महानगरों की ति्स ्पर ऐिी                                मैं आहत हुआ और इिी घटना ने मुझे डेवल्पर ्बनने के सलए प्ेररत भी सक्ा।   ्पढ़ाई और ्बेहतर प््बिन के कारण टाइमि ग्ु्प द्ारा िी गई रैंसकंग में आईएिएम
                                              े
                                                                                                                                                                                                                                                                       ं
                        के िा्थ कैं्पि में गेसमंग िोन, सवशाल फड                                                     िोिाइटीि को स्बहार में भी सवकसित                                                                                                    को ्पूरे भारत के स्बिनि कॉलिों में 51वां स्थान हासिल हुआ ्था।
                                                    कू
                                                                                                                                                                                                                                                                        े
                                                                                                                                                                                                                                                                              े
                        कोट्ट के अलावा शानिार ऑसफि स्पेि की                                                         सक्ा िा िके।                                                          िमरेंद्र सिंह की ्पतनी और कं्पनी में सनिेशक के रू्प में अ्पनी िेवाएं िे रहीं
                        व्वस्था भी िसनलचित की गई है। ििरे ड्ीम                                                         सवक्रमसशला एिुकेशनल ऐंड वेलफे्र                                  सनभा सिंह कहती हैं सक सववाह के उ्परानत मैंने अ्पने ्पसत को सिि मेहनत, लगन   स्बहार में एक मसडकल कॉलि की स्था्पना और इंटरनेशनल सककूल ऑफ
                                                 ू
                                  ु
                                                                                                                                                                                                                                                                              े
                                                                                                                                                                                                                                                                     े
                                                                                                                                              े
                                                                                                                                     ु
                        प्ोिेकट ्पर ्पूछे गए एक िवाल के िवा्ब में                                                    िोिाइटी के अलावा मंडेश्वरी कॉलि                                    और ईमानिारी के िा्थ काम करते िेखा उिकी सितनी तारीफ की िाए वो कम   मैनिमेंट को ्ूसनवसि्सटी ्बनाने की त्ारर्ों में िुटे िमरेंद्र सिंह का कहना सक
                                                                                                                                                                                                                                                          े
                                                                                                                                                                                                                                                                                  ै
                        िमरेंद्र सिंह कहते हैं सक हमारा ििरा प्ोिेकट                                                 फॉर टीचि्स एिुकेशन और इंटरनेशनल                                    है। स्पछले सितने भी प्ोिेक्टि हमने सकए हैं और आने वाले वक्त में हम सितन  े  अचछी सशक्ा और सचसकतिा हमारे िमाि की ्बुसन्ािी िरूरतें हैं। ्ुवा इि िेश के
                                               ू
                                                                                                                                े
                        ‘ऑरस्बट’ इिी रोड में 5 एकड़ िमीन ्पर                                                          सककूल ऑफ मैनिमेंट, ्पटना के अध्क्                                  प्ोिेक्टि ्पर काम करेंगे ्ा करने िा रहे हैं, ्सि इन िभी को एक िा्थ िोड़   भसवष् हैं और मेरा मानना है सक हर छोटा ्बिलाव ्बड़ी काम्ा्बी का सहसिा होता
                        सनमा्सणािीन है। इि प्ोिेकट में ‘ि हेररटेि’ की                                               िमरेंद्र सिंह की प्ारंसभक सशक्ा गांव के                             सि्ा िाए तो हमारी कं्पनी करी्ब 50 िे 70 एकड़ िमीन ्पर काम कर चुकी होगी |
                                                                                                                                                                                          िमरेंद्र सिंह के ्बड़े ्पुत्र और इंटरनेशनल सककूल ऑफ मैनिमेंट के वाइि   है। इिके सलए हमें ्बि लगातार मेहनत करने की िरूरत होती है। O
                                                                                                                                                                                                                                   े
                       126   समरेंद्र ससंह                                                                                                                                                                                                                                                            समरेंद्र ससंह  127
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